पाकिस्तान में इस वक्त नई भूचाल आने वाली है। विशेषज्ञों का कहना है कि मुल्क में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है जिसके चलते आने वाले दिनों में श्रीलंका वाला हाल यहां भी देखने को मिल सकता है। देश की अर्थव्यवस्था तेजी से गिर रही है। इसके साथ ही पाकिस्तान का रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। गुरुवार को पाकिस्तान रुपये की कीमत एक अमेरिकी डॉलर को मुकाबले 192 रुपये हो गई है। यह अब तक का सबसे निचला स्तर है। विशेषज्ञों का कहना है कि, अगर यह आलाम रहा तो देश को संभालना मुश्लिक हो जाएगा।
फॉरेक्स असोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक गुरुवार को सुबह 11 बजे डॉलर के मुकाबिल रुपये की कीमत 192.20 रुपये हो गई। एक दिन पहले यह 190.20 रुपये पर बंद हुई थी। 24 घंटे में रुपये की कीमत दो अंक और कम हो गई। जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान में लगातार आयात बढ़ रहा है और निर्यात में कमी आ रही है। इस वजह से रुपये की कीमत घटती जा रही है। जुलाई से अप्रैल तक पाकिस्तान का व्यापारिक घाटा 39 अरब डॉलर हो गया है। जानकारों का कहना है कि डॉलर की तेजी की वजह से रुपया ने लोगों का अत्मविश्वास तोड़ दिया है। अभी हालात सुधरने की भी संभावना नहीं है। पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईएमएफ से मदद न मिलने, मित्र देशों से समय पर सहायता न मिलने और विदेशी मुद्रा भंडार के घटने की वजह से देश की मुद्रा संकट काल से गुजर रही है।
बता दें कि, इमरान खान की सरकार गिरने के पीछे सबसे बड़ा कारण आर्थिक सकंट ही रहा है। इसी के चलते उनकी सरकार गिरी। नई सरकार के सामने भी सबसे बड़ी चुनौती आर्थिक संकट है। पाकिस्तान के ऊपर विदेशी कर्ज लगातार बढ़ रहा है। इसके साथ ही पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर है। देश में आटा, चावल, दाल, दूध, के साथ ही पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस की कीमतों में आग लगी हुई है। साथ ही बीजली संकट भी अभी खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में शाहबाज सरकार के सामने ये सबसे बड़ी चुनौती है कि देश की अर्थव्यवस्था को कैसे काबू में किया जाए।