पाकिस्तान की हालत तो पहले से ही खस्ता थी, देश कंगाली के राह पर है। पूर्व पीएम इमरान खान की सरकार के दौरान ही पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर थी। विश्व कर्ज का बोझ बढ़ता चला जा रहा था। अब सत्ता में परिवर्तन होने के बाद प्रधानमंत्री की कुर्सी पर शाहबाज शरीफ काबीज हो गए हैं। लेकिन, ऐसा लगता है कि उनके आने से पाकिस्तान को ग्रहण ही लग गया है। क्योंकि, इस वक्त मुल्क अंधेरे में है। देश में बिजली गुल है। रमजान के भी वक्त में लोगों को 10-12घंटे बिना बिजली के ही रहना पड़ रहा है।
पाकिस्तानी इन दिनों भारी बिजली संकट से जूझ रहा है। बिजली उत्पादन के लिए ईंधन की अनुपलब्धता और कुछ प्रमुख बिजली संयंत्रों का रखरखाव नहीं होने के कारण नकदी की कमी वाला यह देश एक बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, गुरुवार को बिजली कटौती ने इफ्तारी और सहरी के समय भी लोगों के जीवन को दयनीय बना दिया है। क्योंकि के-इलेक्ट्रिक (KE) ने कई क्षेत्रों में कई घंटों तक बिजली कटौती के साथ एक लंबे लोड प्रबंधन कार्यक्रम की घोषणा की।
डॉन अखबार ने केई के एक एसएमएस का हवाला देते हुए यह खबर दी। बिजली विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पानी के प्रवाह में कोई सुधार नहीं होने और बारिश नहीं होने के कारण पनबिजली का कम उत्पादन की वजह से बिजली की मांग में वृद्धि हुई है। पीक आवर्स में बिजली की मांग बढ़कर 19,000 मेगावाट हो गई है। पारे में उछाल के कारण भी मांग बढ़ गई है। हालांकि बिजली की मांग दिन के दौरान 16,000 मेगावाट है। कराची में राष्ट्रीय ग्रिड से बिजली की आपूर्ति में 300 मेगावट की कमी के कारण 3-4 घंटे का लोड शेडिंग चल रहा है। आंतरिक सिंध में लोड शेडिंग वर्तमान में 10-12 घंटे है। रावलपिंडी में करीब 4-5 घंटे बिजली गुल रही।