Hindi News

indianarrative

रूस की धमकी का डर, बाइडन की बैक डोर डिप्लोमेसी शुरु, मोर्चे पर एलन मस्क

रूस-यूक्रेन जंग में एटमी धमकी से बाइडन डर गए हैं, उन्होंने बैक डोर डिप्लोमेसी शुरू की, लेकिन वो फ्लॉप हो गई!

Elon Musk Peace Proposal: यूक्रेन-रूस जंग में पुतिन की न्यूक्लियर अटैक की धमकी से परेशान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बैक डोर डिप्लोमेसी या क्लास टू डिप्लोमेसी शुरू कर दी है। बाइडेन ने बैक डोर डिप्लोमेसी के इस मोर्चे पर एलनमस्क को लगाया है। एलन मस्क ने पीस प्रपोजल पेश (Elon Musk Peace Proposalk) किया है।  ये वही एलनमस्क हैं जिन्होंने रूस की सीक्रेट पॉजिशन खोजने के लिए यूक्रेन को स्टार लिंक्स सैटेलाइट्स की सुविधा निशुल्क मुहैया करवाई थी। अब एलन मस्क ने कहा है कि वो यूक्रेन जंग को रोकने के लिए ऐसा पीस प्रपोजल  (Elon Musk Peace Proposal) पेश कर रहे हैं जिससे सभी पक्षों विन-विन पोजिशन में रहेंगे। हालांकि एलन मस्क के इस पीस प्रपोजल (Elon Musk Peace Proposal) यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यह कहकर  ठुकरा दिया है कि उनके अनुयाई एलनमस्क के पीस प्रपोजल के खिलाफ हैं। जेलेंस्की ने कहा है कि यह प्रस्ताव रूस की मांगों का समर्थन करता है। इससे यूक्रेन का कोई लाभ नहीं होने वाला है।

इससे पहले यूक्रेन ने कहा था कि क्रीमिया पर रूसी कब्जे को पूर्ववत मान्यता के साथ ही डोनबास, झेपोरिज्झिया और खेरसान में दोबारा रेफरेंडम करवाया जाए। इस बार का रेफरेंडम यूनाईटेड नेशंस के पर्यवेक्षकों की निगरानी में निष्पक्षता के साथ करवाया जाए। मतदान के नतीजों के अनुसार स्थानीय निवासियों की इच्छा का सम्मान किया जाए। जिस देश के पक्ष में मतदान नतीजे आएं उसी देश को उनका नियंत्रण शांतिपूर्वक सौंप दिया जाए।

आरटी मीडिया समूह के वेबसाइट ने एलनमस्क के इस प्रस्ताव को प्रमुखता से प्रकाशित किया लेकिन इस बयान पर सरकारी तौर पर किसी अधिकारी का कोई वक्तव्य नहीं था। फिर भी माना जा रहा था कि क्रेमलिन ने एलन मस्क के प्रस्ताव को मूक सहमति दे दी है। इसके विपरीत एलनमस्क के बयान पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की खुद सामने आए और उन्होंने इस प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया।

यूक्रेन-रूस पर निगाह रखने वाले पंडितों का कहना है कि एलन मस्क इतने संवेदनशील मुद्दे पर खुद पहल शायद ही करें। इसके पीछे निश्चित रूप से अमेरिकी प्रशासनिक लॉबी है। लेकिन इन लोगों ने होमवर्क ठीक से नहीं किया। या यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को विश्वास में नहीं लिया गया। बहरहाल क्रेमलिन ने अभी तक एलन मस्क के प्रस्ताव पर चुप्पी साध रखी है। एलन मस्क के इस प्रपोजल पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ चुकी है।

इसे भी पढ़ेंः ‘जंग में इमोशंस को जगह नहीं, यूक्रेन पर न्यूक्लियर बम दागा ही जाएगा!’