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FATF की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा Pakistan, सिर्फ 1 में पास 10 में फेल!

APG ने रिपोर्ट दी है कि पाकिस्तान ने 11 में से 10 प्वाइंट्स पर एक्शन संतोषजनक नहीं है।

पाकिस्तान को अपनी करतूतों की सजा मिलनी शुरू हो गई है। पहली सजा कुदरत ने दी है। कुदरत ने लगभग 30 बिलियन डॉलर की चपत लगाई है। पाकिस्तान की सरकार पहले कटोरा लेकर घूमती थी अब झोली फैलाए घूम रही है। गुहार लगा रही है कि कोई तो दो रोटी का इंतजाम करवा दो। बहरहाल, दूसरी सजा आतंकियों को पालने की मिलने जा रही है। मतलब यह कि पाकिस्तान एफएटीएफ (FATF) की ग्रे लिस्ट से फिलहाल बाहर नहीं आ रहा है। क्योंकि एफएटीएफ (FATF) की एपीजी ने कहा है कि पाकिस्तान को 11 लक्ष्य दिए थे। जिसमें से एक ही लक्ष्य को मध्यम स्तर पर पूरा किया गया है। जबकि 10 मानकों पर एक्शन निम्मस्तर का है। इसलिए माना जा रहा है कि एफएटीएफ (FATF) पाकिस्तान की कथनी और करनी दोनों से संतुष्ट नहीं है।

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, एफएटीएफ के सिडनी स्थित क्षेत्रीय सहयोगी एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) ने अपने क्षेत्रीय सदस्यों की रेटिंग पर दो सितंबर तक एक अपडेट जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने 11 लक्ष्यों में से केवल एक में ‘मध्यम स्तर की प्रभावशीलता’ दिखाई है। समूह के मुताबिक, पाकिस्तान ने पर्याप्त सूचना देने, वित्तीय जानकारी तथा सबूत प्रदान करने और अपराधियों व उनकी संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्रदान किया है।

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एफएटीएफ और एपीजी के 15 सदस्यीय संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने 29 अगस्त से दो सितंबर के बीच यह पता लगाने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया कि उसने जून 2018 में एफएटीएफ के साथ उच्च स्तर पर तैयार की गई 34 सूत्रीय कार्य योजना पर कितना अमल किया है। टास्क फोर्स ने इस साल फरवरी में पाया था कि पाकिस्तान ने सभी 34 बिंदुओं पर काफी हद तक अमल किया है। टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को औपचारिक रूप से ‘ग्रे’ सूची से बाहर निकलने से पहले देश का दौरा करने का फैसला किया था।

एफएटीएफ-एपीजी मूल्यांकन तंत्र के तहत यह रेटिंग दर्शाती है कि किसी देश की कार्रवाई किस हद तक प्रभावी रही है। एपीजी ने कहा कि धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के 10 अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत पाकिस्तान की प्रभावशीलता निम्न स्तर की रही है। जून में वैश्विक धन शोधन और आतंक वित्त पोषण की निगरानी करने वाली संस्था ने एक बयान में स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान एफएटीएफ की निगरानी वाले देशों की ‘ग्रे सूची’ में बरकरार रहेगा।