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FATF के ICU से बाहर आया पाकिस्तान, लेकिन- आतंकवाद का खूनी दाग कैसे धुलेगा?

Pakistan Free From Terror Funding Fatf Grey List

Pakistan Free From FATF Grey List: ऐसा लगता है कि पाकिस्तान पर अमेरिका संग पश्चिमी देश मेहरबान हो गये हैं। पहले अमेरिका इस्लामाबाद संग रिश्ते मजबूत करने के लिए बाढ़ राहत पैकेज और एफ-16 लड़ाकू विमानों की मरम्मत के लिए पैसे देने के बाद लगातार उसे खुश करने में लगा हुआ है। अब पाकिस्तान को जो खुशी मिली है उसका सपना वो पिछले 4 सालों से देख रहा था। पाकिस्तान चार साल बाद फाइनेंशिएयल एक्शन टॉक्स फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट (Pakistan Free From FATF Grey List) से बाहर हो गया है। FATF ने पेरिस में आयोजित दो दिवसीय समीक्षा बैठक के बाद इस फैसले का ऐलान किया है। पाकिस्तान ने इसे अपनी जीत के तौर पर प्रदर्शित किया है और कहा है कि, वह आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रखेगा। ये पाकिस्तान का दिखावा है असल में हाल यह है कि, पाकिस्तान ही दो टूकड़ों में बंटने वाला है। उसके अपने ही पाले गए आतंकी खैबर पख्तूनवा में अलग मुल्क बनाकर शरिया कानून लागू करना चाहते हैं। वो क्या आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रखेगा, पहले मुल्क संभाल ले वही बहुत है। वहीं, एक्सपर्ट्स का मानना है कि आतंकवाद पाकिस्तान की स्टेट पॉलिसी का हिस्सा है। ऐसे में इस पॉलिसी को बदलना आसान नहीं होगा। पाकिस्तान भले एफएटीएफ की ग्रेस लिस्ट (Pakistan Free From FATF Grey List) से बाहर आ गया है लेकिन, आतंकवाद खत्म होने वाला नहीं है। पाकिस्तान की पहचान ही आतंकवाद से है। उसने इतने आतंकियों को जन्म दे दिया है कि वो चाह कर भी दुनिया के सामने अपने असली चेहरे को छुपा नहीं सकता। आज ग्रे लिस्ट से बाहर आया है, बहुत जल्द वापस चला भी जाएगा।

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पाकिस्तान 2018 से देख रहा सपना
पाकिस्तान साल 2018 से सपने देख रहा है। उसे इसी साल आतंकवाद को धन मुहैया करवाने के आरोप में ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया था। FATF ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने में कानूनी, वित्तीय, नियामक, जांच, अभियोजन, न्यायिक और गैर-सरकारी क्षेत्र की कमियों के चलते पाकिस्तान को निगरानी सूची में डाला था। इसके बाद एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए व्यापर सुधार कार्यक्रम की एक लिस्ट सौंपी थी। पाकिस्ता का दावा है कि उसने लिस्ट में दिए गए सभी शर्तों को पूरा कर लिया है। पिछली बैठक के बाद पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी समेत संयुक्त राष्ट्र में नामित आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दावा किया है। पाकिस्तान के दावे के अनुसार, ये सभी आतंकवादी अब जेल में कैद हैं।

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ग्रे लिस्ट से बाहर आने का असर
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बूरी तरह गिरी हुई है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि, ग्रे लिस्ट से बाहर आने के बाद भी ये जस की तस बनी रहेगी। लेकिन, इससे पाकिस्तान से जुड़े वैश्विक लेनदेन की जांच कम करने में मदद मिल सकती है। पाकिस्तान से होने वाला हर बड़ा लेनदेन दुनियाभर की खुफिया एजेंसियों के निगाह पर रहता है। अब ऐसे लेनदेन की जांच में थोड़ी कमी आ सकती है। पाकिस्तान के दो बैंक एचबीएल और नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान कंप्लायंस फेल्योर्स और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग नियमों के उल्लंघन में पहले ही करोड़ों रुपये का जुर्माना भर चुक हैं। ऐसे में इन बैंकों को भी बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने से पाकिस्तान में विदेशी निवेश के रास्ते भी खुलेंगे।