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भारत के नाम पर Pakistan को रोने की आदत पड़ चुकी है, अब Sharif का झलका दर्द

Shehbaz Sharif Says India Is A Threat For Region

Shehbaz Sharif on India: पाकिस्तान ने कसम खा रखा है कि वो जब भी उगलेगा तो जहर ही उगलेगा। शांति की बात पर भी उसके जुबान से जहर ही निकलेगा। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहाबज शरीफ (Shehbaz Sharif on India) भारत संग एक बार फिर से बातचीत करना चाहते हैं। लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इसकी जिम्मेदारी भारत पर है कि वह एक सफल और नतीजों पर आधारित आपसी संपर्क के लिए सभी जरूरी उपाय अपनाये। क्यों भाई… भारत क्यों करेगा… गलतियां तो पाकिस्तान की ओर से होती हैं न तो झूक को शाहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif on India) को माफी मांगते हुए आतंकवाद को खत्म करने के बाद बातचीत की पेशकश करनी चाहिए।

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शरीफ को बातचीत करना है लेकिन, शर्तों के साथ- पहले भारत से भी तो पुछ लें
शहबाज ने यह बात कजाख्‍स्‍तान में आयोजित एक सम्‍मेलन में कही। भारत और पाकिस्‍तान के संबंध साल 2019 में पहले पुलवामा आतंकी हमले और फिर जम्‍मू कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटने के बाद से ही सही नहीं चल रहे हैं। भारत लगातार पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए कहता है लेकिन, पाकिस्तान इतना ढीठ है कि उसकी कानों पर जूं तक नहीं रेंगता। पाकिस्तान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि, मैं अपने पड़ोसी भारत के साथ गंभीर बातचीत का इच्‍छुक हूं और इसके लिए एकदम तैयार हूं। लेकिन यह तभी होगा जब वह इस मकसद के लिए गंभीर होंगे और यह दिखाएंगे कि वह भी उन मसलों पर बात करना चाहते हैं जिनकी वजह से भारत और पाकिस्‍तान के बीच दशकों से दूरियां बनी हुई हैं।

शरीफ आतंकवाद को खत्म कर ही भारत से रखें उम्मीद
पीएम शहबाज ने इस बात पर अफसोस भी जताया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्‍यापार और निवेश भी रुका हुआ है। उनका कहना था, अब इसे बंद करना होगा। लेकिन सबकुछ भारत पर निर्भर करता है कि वह कैसे इसे आगे बढ़ाते हैं। पाकिस्तान प्रधानमंत्री को यहा बात ज्ञात होने चाहिए कि, सबकुछ भारत पर नहीं बल्कि, पाकिस्तान पर टिका हुआ है। अगर पाकिस्तान अपने यहां से आतंकवाद को जड़ से खत्म कर दे तो भारत उसका खुला स्वागत करेगा। लेकिन, पाकिस्तान के लिए ये नामुमकीन है। ऐसे में शरीफ को पहले आतंकवाद खत्म करना चाहिए उसके बाद ही भारत से कुछ उम्मीद रखना चाहिए।

बिना भारत के अधूरा है पाकिस्तान ये जान ले शाहबाज शऱीफ
उनकी मानें तो पाकिस्‍तान अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्‍छे और शांतिपूर्ण संबंध कायम रखना चाहता है जिसमें भारत भी शामिल है। वैसे पाकिस्तान के लिए एक ही पड़ोसी देश काफी है वो है उसका सदाबहार दोस्त चीन, जिसके साथ मिलकर वो भारत के खिलाफ शंणयंत्र रचता है। तो फिर पाकिस्तान को भारत की क्या जरूरत। वैसे पाकिस्तान बिना भारत के अधूरा है… दुनिया में वो अपने आप को सुर्खियों में बने रहने के लिए भारत का नाम लेता है। शाहबाज शरीफ तो बात कर रहे थे शांति की लेकिन, वो भी कश्‍मीर राग अलापने से बाज नहीं आये। उन्‍होंने कहा कि जब तक भारत की तरफ से कश्‍मीर में अत्‍याचार बंद नहीं होता, तब तक सबकुछ रुका रहेगा। कौन सै अत्याचार और कैसा… शरीफ को एक बार कश्मीर घूम कर जाना चाहिए जितना पाकिस्तान में विकास नहीं हुआ होगा उससे ज्यादा इस वक्त कश्मीर में हो रहा है। पकिस्तान को जल्द से जल्द पीओके और बलूचिस्तान पर किये गए अवैध कब्जो को खाली कर देना चाहिए।

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पाकिस्तान और कितना रोयेगा कश्मीर-कश्मीर
पीएम शहबाज ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के लोग अपनी शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए संसाधनों का उपयोग करने के अधिकारी हैं। उनकी मानें तो वह उस विरासत को अपने पीछे छोड़कर जाना चाहते हैं जो इस क्षेत्र की अगली पीढ़ी के लिए शांति और तरक्‍की से जुड़ी हो। उनकी मानें तो पाकिस्‍तान की पहली प्राथमिकता अर्थव्‍यवस्‍था को तेजी से सुधारना और उसे पटरी पर लाना है। उन्‍होंने यह भी कहा कि भारत को नतीजों के साथ समस्‍याओं के समाधान की दिशा में काम करना होगा। शरीफ की मानें तो कश्‍मीर में लगातार मानवाधिकार हनन हो रहा है और उन्‍होंने इसके लिए भारत सरकार और सेना को दोषी ठहराया। आतंकवाद समर्थक पाकिस्‍तान के पीएम भारत को यह याद दिलाना नहीं भूले कि उसकी नीति ‘बुलेट नहीं बैलेट’ वाली है। शरीफ की मानें तो भारत अल्‍पसंख्‍यकों और पड़ोसियों के साथ ही पूरे क्षेत्र के लिए खतरा बन गया है।