Hindi News

indianarrative

आतंकियों के आका पाकिस्तान का नया नाटक, अफगान तालिबान को लिखी चिट्ठी

Terrorist Safe Haven के आरोप से बचने के लिए पाकिस्तान का नया नाटक

दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकियों की सबसे बड़ी पनाहगाह (Terrorist Safe Haven) है। एफएटीएफ के एशिया-पैसिफिक ग्रुप की रिपोर्ट में आतंकियों की सबसे बड़ी पनाहगाह (Terrorist Safe Haven) के आरोप  से बौखलाए पाकिस्तान ने अब नया नाटक रचा है। पाकिस्तान ने ग्लोबल टैररिस्ट मसूद अजहर की गिरफ्तारी के लिए अफगान तालिबान को खत लिखा है। शहबाज सरकार यह साबित करना चाहती है कि अब आतंकियों की सबसे बड़ी पनाहगाह (Terrorist Safe Haven) पाकिस्तान नहीं अफगानिस्तान है।

बहावलपुर में पाक आर्मी के सेफ हाउस में रहने वाले मसूद अजहर को शहबाज सरकार अफगानिस्तान के नांगरहर या कुनार में ढूंढ रही है। मतलब यह कि ‘बगल में बच्चा शहर में ढ़िढ़ौरा’। दरअसल, एफएटीएफ के एशिया-पैसिफिक ग्रुप ने रिपोर्ट दी है कि पाकिस्तान की करनी-कथनी में काफी फर्क है। इस रिपोर्ट के बाद शहबाज शरीफ को लग रहा है कि एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आना मुश्किल है। इसलिए पाकिस्तान सरकार इंडिया, अमेरिका और एफएटीएफ को यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि वो मसूद अजहर जैसे आतंकियों को गिरफ्तार कर कानून के समक्ष पेश करने की कोशिश कर रही है। हालांकि, भारत सहित सभी पक्ष जानते हैं कि मसूद अजहर की गिरफ्तारी के लिए पाकिस्तान नाटकबाजी कर रहा है।

मसूद अजहर जैश-ए-मुहम्मद का सरगना है। भारत में आतंकी वारदातों में जैश-ए-मुहम्मद का हाथ रहा है। भारतीय सुरक्षाबलों ने मसूद अजहर को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन 31 दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट को हाईजैक कर आतंकियों ने मसूद अजहर को रिहा करवा लिया था। मसूद अजहर संयुक्त राष्ट्र और भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी है।

इसे भी पढ़ेंः क्या है ईयू की एंटी टेरर पॉलिसी

बहरहाल, पाकिस्तान के विदेश विभाग ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय को एक पेज का पत्र लिखा है। इसमें मसूद अजहर का पता लगाने, रिपोर्ट करने और उसे गिरफ्तार करने के लिए कहा गया है। अधिकारी ने कहा कि हमारा मानना है कि वह अफगानिस्तान में कहीं छिपा हुआ है। हालांकि पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने इस मामले पर आधिकारिक टिप्पणी करने से परहेज किया है। उधर तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने भी पाकिस्तान से ऐसी कोई चिट्ठी मिलने से साफ इनकार किया है। मुजाहिद ने कहा कि हमें अभी तक कोई चिट्ठी नहीं मिली है।

जब-जब पाकिस्तान पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ता है तो दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए अक्सर ऐसी हरकतें करता है। परवेज मुशर्रफ के जमाने में भी जैश-ए-मुहम्मद को कथित तौर पर बैन कर दिया गया था लेकिन बाद में पता चला कि मसूद अजहर तो पाक आर्मी के प्रोटेक्शन में रह रहा है। एक बार नहीं कई बार साबित हो चुका है कि पाकिस्तान ही आतंकियों की सबसे बड़ी पनाहगाह (Terrorist Safe Haven) है।

पाकिस्तान के भेजे एक पेज की चिट्ठी में कहा गया है कि मसूद अजहर नंगरहार या कुनार प्रांत में छिपा हो सकता है। अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि तालिबान के काबुल पर कब्जा करने से पहले या उसके बाद अजहर अफगानिस्तान चला गया था या नहीं। पाकिस्तान ने जनरल परवेज मुशर्रफ के शासन के दौरान 14 जनवरी, 2002 को आतंकवाद के आरोपों को लेकर जैश ए मोहम्मद को प्रतिबंधित कर दिया था। जिसके बाद उसका सरगना आईएसआई की प्रोटेक्टिव कस्टडी में चला गया था।

इसी तरह 2019 में  जब यह शोर मचा कि आतंकियों की सबसे बड़ी पनाहगाह (Terrorist Safe Haven) अब भी पाकिस्तान ही तो तत्कालीन इमरान सरकार ने भी अजहर के गिरोह पर एक ओर पाबंदियां लगाने का ऐलान किया। वहीं बहावलपुर स्थित उसके हेडक्वार्टर नए पोस्टर बैनर लगा कर आतंकी फैक्ट्री को खुला समर्थन दे दिया गया। मतलब यह है कि आतंक फैलाने के लिए चंदा इकट्ठा करने और आतंकियों को ट्रैनिंग देने के पुराने अड्डों के नए नाम रख दिए गए।

एफएटीएफ के एपीजे ने संभवतः यही रिपोर्ट दी है कि पाकिस्तान ने आतंकियों के फण्डिंग के मामले में जो भी कार्रवाई की है वो सिर्फ कागजी है। धरातल पर आतंकियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस बात की जानकारी होते ही पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने मौलाना मसूद अजहर के अफगानिस्तान में होने को स्वांग रचा है। ध्यान रहे, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जिस आतंकियों की फैक्ट्री यानी मदरसे पर एयरस्ट्राइक की थी वो मदरसा भी मसूद अजहर का ही था।