एक तरफ पाकिस्तान एफएटीएफ से बाहर आने के लिए छटपटा रहा है तो वहीं अभी तक आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है। इसका उदाहरण उस वक्त मिला जब मुंबई हमलों के मास्टर माइंड और कसाब जैसे आतंकियों के हैंडलर साजिद मीर को अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने पाकिस्तान में धर दबोचा। भारत और अमेरिकी अपराधियों की लिस्ट में साजिद मीर का नाम मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों नाम शामिल है। अभी तक पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों से कहता रहा है कि उसके पास साजिद मीर की कोई जानकारी नहीं है। जब-जब अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने साजिद मीर को गिरफ्तार करने का दबाव पाकिस्तान पर डाला तो पाकिस्तान कभी कहता कि साजिद मीर विदेश भाग गया है, कभी कहता है वो मारा गया है तो कभी कहता है पाकिस्तान में इस नाम का ऐसा कोई आतंकवादी है ही नहीं। लेकिन एफबीआई ने उसे पाकिस्तान से ही गिरफ्तार कर लिया। साजिद मीर की गिरफ्तारी पर पाकिस्तान सरकार और मीडिया दोनों ने चुप्पी साध रखी है। ठीक वैसे ही जैसे कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन पर साध रखी थी।
मुंबई हमलों में मारे गए 166लोगों में से 6 अमेरिकी नागरिक भी थे। एफबीआई ने मीर की गिरफ्तारी या सही सूचना देने वाले के लिए 5मिलियन डॉलर तक का इनाम रखा था। ऐसा बताया जाता है कि एफएटीएफ की टीम पाकिस्तान का फिजिकल इन्सपेक्शन के लिए पाकिस्तान आ रही है। उसी के दबाव में आईएसआई ने साजिद मीर को एफबीआई के हवाले कर दिया है। पाकिस्तान चाहता है कि किसी भी तरह एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आ जाए। लेकिन ऐन मौके पर साजिद मीर की गिरफ्तारी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आने में बाधा भी बन सकती है। मुंबई हमलों के मास्टर माइंड की गिरफ्तारी साबित करती है कि पाकिस्तानी एजेंसियां अभी तक आतंकियों को प्रश्रय दे रही हैं।
साजिद मीर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के लिए सीधे तौर पर काम करता था। साजिद मीर के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा ने आईएसआई की मदद और समर्थन से मुंबई में हमले किए थे। एलईटी जम्मू-कश्मीर में भी आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है। मुंबई हमलों के दौरान साजिद मीर पाकिस्तान से उन्हें कंट्रोल कर रहा था। वही उनको निर्देश ले-दे रहा था।
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि साजिद मीर 2001से लश्कर गैंग का बड़ा गुर्गा रहा है। 2006से 2011तकउसने विभिन्न आतंकवादी हमलों की योजना बनाई। एफबीआई का मानना है कि साजिद मीर ने ही 2008और 2009के बीच डेनिश अखबार जाइलैंड्स-पोस्टेन और उसके कर्मचारियों के खिलाफ आतंकवादी हमले की साजिश रची थी। एफबीआई ने 22अप्रैल, 2011को उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
साजिद मीर दाऊद गिलानी उर्फ डेविड कोलमैन हेडली का हैंडलर था। हेडली पाकिस्तानी-अमेरिकी डबल एजेंट था, जिसने लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी टीम को मुंबई हमले के लिए तैयार किया था। हेडली ने मुंबई हमलों में अपना हाथ कबूल कर चुका है।डेविड हेडली इस समयअमेरिकी जेल में है। पाकिस्तानी आतंकी तहव्वुर राणाभी सजा काट रहा है।