रूस के आगे यूक्रेन बुरी तरह घुटने टेक चुका है लेकिन, इसके बाद भी वो अपनी हार मानने के लिए तैयार नहीं है। रूस इस वक्त यूक्रेन के कई शहरों पर हमले तेज कर दिया है। जिसके चलते यूक्रेन को भारी नुकसान हुआ है। यूक्रेन के लगभग हर शहरों में तबाही मची हुई है। लेकिन, जेलेंस्की पश्चिमी देशों की मदद के चलते और भी ज्यादा बर्बादी देखना चाहते हैं। पश्चिमी देशों को रूस को तोड़ने का सबसे बड़ा बहाना यूक्रेन है। अब रूस ने हमले में बिजली की लाइन काट दी है जिसके बाद यूक्रेन अंधेरे में है। वहीं, इस हमले में अब रूस को उत्तर कोरिया का साथ मिला है। किम जोंग उन ने साफ तौर पर कहा है कि, वो इस जंग में रूस के साथ खड़े हैं और हर संभव मदद करेंगे।
यूक्रेन के सबसे बड़े जपोरिज्झिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर रूस ने यूक्रेनी सेना के ऊपर गोलाबारी का आरोप लगाया है। साथ ही शनिवार तड़के रूसी रॉकेट से दो राउंड फायरिंग में रिएक्टर का पॉवर ग्रिड से संपर्क तोड़ने का आरोप लगाया गया है। यूक्रेन की परमाणु एजेंसी का कहना है कि रूसी रॉकेटों की एक विशाल शृंखला ने रूस-नियंत्रित क्षेत्र स्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्र का हिस्सा क्षतिग्रस्त कर दिया है। दक्षिणी यूक्रेन में यह यूरोप का सबसे बड़ा संयंत्र रहा है। हालांकि यूक्रेन ने कहा कि इससे अभी कोई विकिरण रिसाव नहीं हुआ है। उधर रूस का कहना है कि, यूक्रेन की ओर से हमला किया गया है।
एनर्होदर के गवर्नर ने बताया कि जपोरिज्झिया संयंत्र में नाइट्रोजन-ऑक्सीजन इकाई और एक उच्च वोल्टेज की बिजली लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। रूसी अधिकारियों ने इस गोलाबारी के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया है। जपोरिज्झिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र छह दबावयुक्त जल रिएक्टर हैं और यहां रेडियोधर्मी कचरे का भंडारण होता है। इसलिए इस पर हुए हमले से हाइड्रोजन रिसाव और रेडियोधर्मी कणों के फैलाव का खतरा है। इससे आग फैलने का खतरा भी जताया गया है। हालांकि फिलहाल इस हमले में किसी के हताहत होने की आशंका नहीं है। इस संयंत्र पर रूस ने मार्च में ही कब्जा कर लिया था। रूस ने इसके आसपास वाले क्षेत्रों पर भी नियंत्रण कर रखा है।
एनर्होदर में रूस-नियुक्त अधिकारियों ने कहा कि यूक्रेनी बलों ने शुक्रवार देर रात नीपर के विपरीत किनारे से संयंत्र पर दो बार गोलाबारी की। इस दौरान संयंत्र की दो बिजली लाइनें यूक्रेनी तोपखाने के हमले से प्रभावित हुईं और उनमें आग लग गई। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि संयंत्र में कितनी बिजली लाइनें हैं। उधर उत्तर कोरिया ने कहा है कि, वो इस जंग में रूस की मदद करेगा। वो एक विशाल लड़ाकू बल की आपूर्ति करने के लिए तैयार है। उन्हें लुहांस्क और दोनेस्क में रूस समर्थित अलगाववादी सेना में तैनात किया जाएगा।