पाकिस्तान (Pakistan) की अवाम को इन दिनों बेहद बुरे दौर से गुजरना पड़ रहा है। दरअसल जिन्ना के मुल्क में आर्थिक संकट का भूचाल इस तरह तांडव कर रहा है कि पाक सरकार का इस दलदल से निकल पाना बेहद मुश्किल सा हो रहा है। यहां की जनता को रोजाना किसी न किसी नई मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है जिसके चले जनता के लिए खाने के लाले पढ़े हुए हैं। उसके कई बड़े उद्योग बंद होने के कगार पर हैं। खासकर टेक्स्टाइल इंडस्ट्री कुछ ही दिनों में बंद हो सकती है। यही नहीं आलम यह है कि मुल्क जल्द ही डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंच गया है। क्योंकि पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा भंडार गिरते-गिरते अब पाताल तक पहुंच गया है। ऐसे में अब पाक PM शहबाज शरीफ इस बात का दावा करते दिख रहे हैं कि उनका देश डिफॉल्ट होने से बच गया है लेकिन जमीनी हकीकत क्या ही वो अब साफ देखने को मिल रही है।
जी हां, अब तो वैश्विक एयरलाइंस उद्योग ने सीधी चेतावनी दे दी है कि पाकिस्तान में अब अपनी उड़ान को संचालित करना बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। इस दौरान उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की कंगाली की वजह से वे अपने डॉलर को यहां से निकाल नहीं पा रही हैं। इससे विदेश फ्लाइट कंपनियों को पाकिस्तान के अंदर ऑपरेट करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है जो लगातार बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा का भंडार बहुत कम हो गया है और यह करीब 4 अरब डॉलर के आसपास है। यही नहीं पाकिस्तान में मंहगाई अपने चरम पर पहुंच गई है।
पाकिस्तान की हालत बद से बदतर
रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि विदेश एयरलाइंस पाकिस्तान में टिकट का दाम स्थानीय मुद्रा रुपये में लेती हैं लेकिन उन्हें तेल और अन्य खर्च के लिए डॉलर बाहर भेजना होता है। बता दें, विदेशी कंपनियों का देश में 29 करोड़ डॉलर फंड जनवरी तक फंसा हुआ है। यह लगातार बढ़ रहा है। नाइजीरिया के बाद पाकिस्तान ऐसा दूसरा देश है जहां वैश्विक एयरलाइंस का सबसे ज्यादा विदेशी फंड फंसा हुआ है।
बीते महीने वर्जिन अटलांटिक ने ऐलान किया था कि वह पाकिस्तान में अपनी सेवाओं को बंद कर रही है। वर्जिन को भी अपने डॉलर निकालने में दिक्कत हो रही थी। अब यह भी चेतावनी दी जा रही है कि पाकिस्तान से विदेशी एयरलाइन की उड़ान में फायदा अब कम होता जा रहा है। ऐसे में एयरलाइन किसी और देश में अपनी उड़ान को बढ़ा सकती हैं। पाकिस्तान के पास अभी करीब 4 अरब डॉलर ही विदेशी मुद्रा भंडार है जो करीब महीने के आयात के लिए ही पर्याप्त हैं। पाकिस्तान आईएमएफ (IMF) से कर्ज की भीख मांग रहा है लेकिन शर्ते पूरी नहीं करने के कारण वैश्विक एजेंसी उसे लोन नहीं दे रही है। इस समय शहबाज सरकार के ऊपर सबसे ज्यादा कर्ज फिलहाल पाकिस्तान का है।