पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान सरकार की सरकार गिर चुकी है। अविश्वास प्रस्ताव में भारी बहुमत के साथ शहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। लेकिन, इरमान खान को लेकर यह कहना की उन्होंने हार मान ली है। यह थोड़ा मुश्किल होगा। क्योंकि, उन्होंने जो नई चाल चली है उससे विपक्षी दलों में हलचल तेज हो गई है। पाटीआई ने संघर्ष जारी रखा है और आगे के कदम के बारे में साफ बताया है कि वो क्या करने वाले हैं।
दरअसल, पाकिस्तान में जल्द आम चुनाव कराने की अपनी मांग जारी रखते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की ताबड़तोड़ रैलियां होंगी। पार्टी ने लोगों को लामबंद करने के लिए कई सार्वजनिक सभाएं और सम्मेलन आयोजित करने का फैसला किया है। पीटीआई कराची, पेशावर के बाद लाहौर में भी रैली निकालेगी। डॉन की एक रिपोर्ट की माने तो, इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने फैसला किया है कि, पेशावर और कराची की सार्वजनिक सभा के बाद वह अगले हफ्ते लाहौर में होने वाली रैली में सरकार को आश्चर्यचकित करने वाला कदम उठाएंगे।
इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई ने देशभर में विरोध करने का फैसला किया है। पार्टी ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर संसंदीय समिति की सभी बैठकों का बहिष्कार करने का भी फैसला किया है। पार्टी की मांग है कि, सुप्रीम कोर्ट पीटीआई सरकार को गिराने की साजिश पर एक जांच आयोग का गठन करे। इस बैठक की अध्यक्षता पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने की और बैठक में पार्टी के सभी प्रांतीय अध्यक्षों, महासचिव असद उमर, उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी और फवाद चौधरी और परवेज खट्टक सहित अन्य नेताओं ने भाग लिया। पीटीआई नेता डॉ फारुख हबीब ने कहा कि इमरान खान बुधवार को पेशावर के रिंग रोड पर रैली को संबोधित करेंगे।
पीटीआई नेता डॉ फारुख हबीब ने कहा कि, 16 अप्रैल को कराची में मजार-ए-कायद के एक मैदान में रैली का आयोजन होगा और 23 अप्रैल को लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान में एक अन्य रैली होगी। इन रैलियों में विदेशी सरकार के खिलाफ आवाज उठाया जाएगा, यानी विदेशी सरकार मंजूर नहीं है और वहीं, लाहौर वाली रैली में एक आश्चर्यजनक कदम की घोषणा की जाएगी।