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पैगंबर विवाद में टांग अड़ाने वाले पाकिस्तान में हर रोज टूट रहे हैं हिंदू मंदिर, ‘नाबीना’ हो गए शहबाज शरीफ और इमरान खान!

पाकिस्तान में फिर हिंदू मंदिर पर हमला

पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद लेक्चर देने वाले पाकिस्तान में एक बार फिर से अल्पसंख्यकों की आस्था पर हमला हुआ है। बुधवार को कराची शहर के कोरांगी इलाके के श्री मारी माता मंदिर में कुछ उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। नूपुर शर्मा के बयान पर दुनियाभर में बवाल करने वाले अब कहां छुप गए हैं। भारत में बैठे फर्जी बुद्धिजीवी और लिबरल जमात के लोग आज शायद अपने बिलों में छुप जाएंगे। यह खबर उन सभी मुस्लिम देशों के लिए भी है जो भारत के सवाल कर रहे हैं। भारत को नसीहत दे रहे हैं लेकिन, पाकिस्तान में जो घटना हुई है उसपर इन सभी की चुप्पी इनकी असलियत दिखा रही है।

पाकिस्तान के कराजी में भगवान हनुमान का अपमान किया गया है। लेकिन, मुस्लिम देशों का संगठन OIC अब गायब है। बुधवार को कराची शहर के कोरांगी इलाके के श्री मारी माता मंदिर में कुछ उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। इस दौरान देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी तोड़ डाला गया। इस घटना ने हिंदू समुदाय के लोगों में डर पैदा कर दिया है। फिलहाल बड़े पैमाने पर पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि कोई और उपद्रव न हो सके। कराची में हिंदू मंदिर पर यह हमला ठीक उस वक्त हुआ है, जब कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान ने नूपुर शर्मा की टिप्पणी पर भारत को ज्ञान देने की कोशिश की थी। हालांकि, भारत ने इसपर तीखा रिएक्शन दिया था और उसे अपने देश में रह रहे अल्पसंख्यकों का ख्याल रखने को कहा था।

खबर है कि, 6 से 8 लोग मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आए और मंदिर में तोड़फोड़ कर चले गए। ये लोग कौन है ये फिलहाल किसी को पता नहीं चल सकता है। कोरांगी के एसएचओ फारूक संजरानी ने कहा, 5 से 6 अज्ञात लोग मंदिर में पहुंचे थे और तोड़फोड़ कर भाग निकले। बता दें कि, ऐसा पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में किसी मंदिर पर हमला हुआ है। इससे पहले भी लगातार अटैक होते रहे हैं। इससे पहले बीते साल अक्टूबर में सिंधु नदी के किनारे कोटरी में स्थित एक ऐतिहासिक मंदिर में भी तोड़फोड़ की गई थी।

सोशल मीडिया पर जो वीडियो आया है उसमें साफ देखा जा सकता है कि, मंदिर में कैसे तोड़फोड़ की गई है। स्थानीय लोगों को कहना है कि, कोरांगी इलाके में आधी रात को लोग पहुंचे और मंदिर में तोड़फोड़ कर भाग गए। इससे पहले बीते साल अगस्त में भी ऐसा हुआ था, जबकि भोग कस्बे में कुछ उपद्रवियों ने भोंग कस्बे में मंदिर में तोड़फोड़ कर दी थी। यह घटना तब हुई थी, जब महज 8 साल के हिंदू बच्चे भाविश कुमार मेघवार पर एक इस्लामिक जगह पर पेशाब करने का आरोप लगा था। मदरसे में इस हिंदू बच्चे के घुसने पर मौलवी हाफिर मोहम्मद इब्राहिम ने उसकी पिटाई की थी और इसी के चलते उसकी पेशाब निकल गई थी। इसके बाद वह बच्चा वहां से डर के मारे भाग निकला था। इस पर मौलवी ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी थी। इसके बाद बच्चे को अदालत में पेश किया गया था, जहां से उसे बेल मिल गई थी। लेकिन बच्चे को बेल मिलने पर कट्टरपंथी भड़क गए थे और उन्होंने श्री गणेश हिंदू मंदिर पर अटैक कर दिया था। मंदिर में हमला कर उन्होंने मूर्तियों में तोड़फोड़ कर दी थी। अब एक बार फिर से यह सही साबित हो गया है कि, पाकिस्तान में ना तो अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं और ना ही मंदिर। भारत के खिलाफ जगह उगलने वाले पाकिस्तान को पहले अपने यहां की व्यवस्था को देखना चाहिए उसके बाद किसी दूसरे के बारे में बोलना चाहिए।