भारत ने रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद की है और इनमें से कुछ को रूस ने भारत को सौंप दिया है, जबकि बाकि देशों को बाद में भेजा जायेगा। अब इसको लेकर लोगों ने मन में एक सवाल है कि भारत को अब तक कितने एस-400 मिसाइल सिस्टम रूस से मिले हैं। S-400 रूस में बना एक लंबी दूरी कर सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है। इसे 400 किलोमीटर की दूरी तक विमान, ड्रोन और मिसाइलों का पता लगाने, ट्रैक करने और नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। यही नहीं रूस का यह दावा है कि यह दुनिया का सबसे ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम है। एस-400 वर्तमान में सिर्फ चार देशों के पास है, जिसमें भारत, रूस, तुर्की और चीन शामिल हैं।
भारत के पास कितने रूसी निर्मित एस-400
रूसी राज्य मीडिया स्पुतनिक के 26 अप्रैल 2023 की रिपोर्ट मुताबिक अक्टूबर 2018 में, मॉस्को और नई दिल्ली ने भारत को एस-400 सिस्टम के पांच स्क्वाड्रन की आपूर्ति पर 5.43 बिलियन डॉलर का सौदा किया था। 26 अप्रैल 2023 तक, दो एस-400 स्क्वाड्रन भारत भेजे जा चुके हैं और सर्विस में शामिल कर लिए गए हैं। रूस से पहला एस-400 स्क्वाड्रन दिसंबर 2021 में भारत आया, और दूसरा अप्रैल 2022 में। रूसी राज्य हथियार निर्यातक रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के अनुसार, तीसरी एस-400 रेजिमेंट जल्द ही भारत को सौंपे जाने की उम्मीद है।
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भारत ने कहां तैनात किया ये सिस्टम
भारत में एस-400 प्रणालियों की तैनाती के स्थानों का आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन यह माना जाता है कि वे देश के प्रमुख रणनीतिक स्थानों पर तैनात हैं। कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि दो एस-400 स्क्वाड्रन पहले ही पूरे भारत में विभिन्न स्थानों पर तैनात किए जा चुके हैं। कुछ रिपोर्टों से मालूम होता है कि एक एस-400 स्क्वाड्रन को ऐसी स्थिति में तैनात किया गया है जहां से चीन की सीमा को कवर किया जा सकता है। वहीं दूसरा चीन के साथ सीमा के लद्दाख सेक्टर को कवर कर सकता है। लद्दाख में मई 2020 से ही भारत और चीन में तनाव है। इसी साल जून में भारतीय और चीनी सेना के बीच गलवान में हिंसक झड़प भी हुई थी, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे।