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Jinping-Putin की दोस्ती दिखाने लगी असर, America के ‘दरवाजे’ पर भेजे 11 युद्धपोत

Jinping-Putin

रूस और चीन (Jinping-Putin) की क़रीबी यूक्रेन युद्ध से बढ़ गई है। अब जिनपिंग और पुतिन की दोस्ती का असर दिखने लगा है। दोनों देशों की नौसेनाओं ने प्रशांत महासागर में अमेरिकी राज्‍य अलास्‍का के पास इस सप्‍ताह संयुक्‍त अभ्‍यास किया है। चीन और रूस के महाविनाशक युद्धपोतों को देखकर अमेरिका भी ऐक्‍शन में आ गया और उसने अपने किलर मिसाइलों से लैस‍ डेस्‍ट्रायर को भी अलास्‍का के पास भेज दिए। अमेरिका ने सबमरीन का शिकार करने वाले अपने पी8 विमान भी रवाना किए। अमेरिका यूक्रेन युद्ध के बीच इसे उकसाने वाली कार्रवाई मान रहा है।

बताया जा रहा है कि अलास्‍का के तट के पास अलेउटिआन द्वीप समूह के करीब रूस और चीन के युद्धपोतों ने नौसैनिक अभ्‍यास किया। यह अभ्‍यास ठीक उसी जगह पर किया गया जहां रूस और अमेरिका की समुद्री सीमा मिलती है। वॉल स्‍ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक रूस और चीन के युद्धपोतों ने अमेरिकी जल सीमा में प्रवेश नहीं किया। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि रूस और चीन के युद्धपोत चले गए हैं लेकिन अमेरिका के 4 डेस्‍ट्रायर और पी 8 विमानों ने उनका पीछा किया।

‘चीन और रूस का कदम भड़काने वाला’

हेरिटेज फाउंडेशन में एक वरिष्‍ठ शोधकर्ता ब्रेंट सैडलर ने कहा, ‘ऐतिहासिक रूप से यह पहली बार हुआ है।’ उन्‍होंने कहा, ‘यूक्रेन युद्ध और ताइवान को लेकर चल रहे तनाव के बीच यह कदम बहुत ही ज्‍यादा भड़काऊ है।’ अमेरिका के उत्‍तरी कमान ने इस बात की पुष्टि की है कि अमेरिका के दोनों ही दुश्‍मनों ने अलास्‍का के पास संयुक्‍त रूप से नौसैनिक गश्‍त लगाया है। उसने कहा कि हमने अमेरिका और कनाडा की सुरक्षा के लिए अपना अभियान चलाया। चीन और रूस के जहाज अंतरराष्‍ट्रीय सीमा में बने रहे।

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अमेरिका ने यह नहीं बताया कि चीन और रूस (Jinping-Putin) के जंगी जहाज कब अलास्‍का के पास पहुंचे थे। पूरे मामले को गोपनीय रखा गया है। अलास्‍का के रिपब्लिकन सांसद डान सुल्लिवान ने इस बात की पुष्टि की है कि यह घुसपैठ पिछले कुछ दिनों में हुई है। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका की सेना इसका करारा जवाब दिया लेकिन इस तरह की घटना अप्रत्‍याशित है। सुल्लिवान ने कहा कि यह अलास्‍का ही नहीं अमेरिका के लिए भी अप्रत्‍याशित है, जब रूस और चीन के 11 युद्धपोत संयुक्‍त रूप से पहुंचे हैं।