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IMF नहीं माना तो यह होगा Pakistan का आखिरी रास्ता, आखिर क्या हैं पाक का प्लान बी?

पाकिस्तान (Pakistan) की स्थिति बेहद ख़राब हो चुकी है। हर एक से भीख मांग चुका पाकिस्तान को हमेशा सब देशो से निराशा ही मिली है। ऐसे में सिवाए IMF के अलावा इसके पास कोई और सहारा नहीं है। लेकिन अब तो कंगाल पाकिस्तान IMF को आँख दिखा रहा है। अभी हाल ही में इशाक डार का बयान आया था , जिसमे उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा था कि क़र्ज़ देने वालों कि हर शर्त नहीं मानी जा सकती है।

पाकिस्तान (Pakistan) के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा था कि अगर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ कोई समझौता नहीं होता है तो सरकार प्लान बी पर काम करेगी। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया था कि यह ‘प्लान बी’ क्या है। खबर है कि जून 2023 के आखिर तक आईएमएफ के साथ गतिरोध जारी रहने की संभावना को देखते हुए पाकिस्तान के पास ‘प्लान बी’ के तहत अपने द्विपक्षीय साझेदारों से 3 अरब डॉलर की अतिरिक्त राशि मांगने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। द न्यूज ने रविवार को अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी।

 Pakistan के लिए IMF का कार्यक्रम 30 जून 2023 को खत्म होने वाला है

खबर है कि पाकिस्तान वित्त मंत्रालय 9वीं समीक्षा पूरी नहीं होने की स्थिति में अपने बाहरी खातों पर मंडराते संकट को टालने के लिए द्विपक्षीय मित्रों से फंडिंग के सभी उपलब्ध विकल्पों पर विचार कर रहा है। ध्यान रहे कि पाकिस्तान के लिए आईएमएफ का कार्यक्रम 30 जून 2023 को खत्म होने वाला है। 6.5 अरब डॉलर के कार्यक्रम के तहत 9वीं समीक्षा को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के बावजूद पाकिस्तान और आईएमएफ ने अपनी आशंकाओं को सार्वजनिक किया है।

पाक का प्लान बी

जियो न्यूज की खबर के अनुसार शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘द्विपक्षीय मित्रों से 3-4 अरब डॉलर की फंडिंग के विकल्प के साथ, पाकिस्तान अपनी वित्तीय जरूरतों को भी पूरा कर सकता है। इस व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है और अगले कुछ महीनों में अक्टूबर या नवंबर 2023 के आखिर तक डिफॉल्ट के खतरे से बचने के लिए इसे लागू किया जाएगा।’ एक अधिकारी ने कहा, ‘अगर इसे लागू किया जाता है कि इस्लामाबाद अगले कुछ महीने डिफॉल्ट के डर के बिना गुजार पाएगा।’

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