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बिलावल भट्टो ने सुबह उठते ही Imran Khan को दिया बड़ा झटका, कहा- पेन-पेपर रेडी है… आ जाओ इस्तीफा देने के लिए!

Imran Khan देंगे इस्तीफा! सबसे बड़ी सहयोगी ने छोड़ा साथ

इन दिनों पाकिस्तान की राजनीति में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, इमरान खान की नईया डूबते हुए नजर आ रही है। इमरान खान से बेतुके बयानों और फैसलों के चलते विपक्ष तो उनके खिलाफ है ही उनके मंत्री भी अब उनके खिलाफ जाने लगे हैं, यहां तक कि पाकिस्तानी सेना भी इमरान खान से परेशान है। उनके खिलाफ 3अप्रैल को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने वाला है। लेकिन इससे पहले ही लगता है कि इमरान खान को इस्तीफा देना होगा।

प्रधानमंत्री इमरान खान को पाकिस्तान तहरीके-ए-इंसाफ (PTI) सरकार के प्रमुख गठबंधन सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (MQM-P) ने बड़ा झटका दिया है। पार्टी ने विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के साथ एक डील की है। स्थानीय मीडिया की माने तो, पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने बुधवार तड़के ट्वीट किया कि, एकजुट विपक्ष और एमक्यूएम के बीच समझौता हो गया है।

बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्विटर पर लिखा, राब्ता समिति एमक्यूएम और पीपीपी सीईसी उक्त समझौते की पुष्टि करेंगे। हम कल आईए को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के साथ विवरण साझा करेंगे। बधाई हो पाकिस्तान। अविश्वास प्रस्ताव पर महत्वपूर्ण वोट से पहले देर रात के घटनाक्रम ने इमरान खान के भविष्य को संकट में डाल दिया है, क्योंकि पीटीआई सरकार संसद के निचले सदन में बहुमत खो चुकी है।

बता दें कि, पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 342सदस्य हैं। विपक्ष को इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वा प्रस्ताव के लिए 172मतों की आवश्यकता है। पीटीआई के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार 179सदस्यों के समर्थन से बनी थी, लेकिन एमक्यूएम-पी के इस्तीफे के बाद इमरान खान की पार्टी के पास सिर्फ 164सदस्यों का समर्थन रह गया है। नेशनल असेंबली में विपक्ष के अब 177समर्थक हैं। उन्हें पीटीआई के असंतुष्ट सांसदों के समर्थन की जरूरत नहीं है।

अपनी गिरती सरकार को देखते हुए इमरान खान जमकर बयानबाजी कर रहे हैं और किसी भी पर आरोप लगा दे रहे हैं। हाल ही में उन्होंने अपने एक रैली में कहा था कि, पाकिस्तान में सरकार बदलने के लिए विदेशी धन के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं। हमारे लोगों का उपयोग किया जा रहा है। ज्यादातर अनजाने, में लेकिन कुछ लगो हमारे खिलाफ पैसे का उपयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, हम जानते हैं कि किन जगहों से प्रयास किए जा रहे हैं। हमें लिखित में धमकी दी गई है, लेकिन हम राष्ट्रीय हित से समझौता नहीं करेंगे।