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Imran Khan को PM Modi की आई याद, बोलें- आप की तरह काम करना सीख रहा हूं, कहें तो कर दू…

सत्ता डगमगाई तो पाकिस्तान को याद आया भारत

पाकिस्तान में इस वक्त सियासी हलचल तेज है, इमरान खान की सरकार को गिराने के लिए विपक्षी दलों के साथ अब उनके ही पार्टी के नेता बगावत पर उतर आए हैं। इसके साथ ही पाकिस्तानी आर्मी भी इमरान खान के खिलाफ है। ऐसे में खान सरकार के उपर लटकी तलवार कभी भी सत्ता की डोर काट सकती है। लड़खड़ाती सरकार को देखते हुए पाकिस्तान को हिंदुस्तान की याद आई है और इमरान खान ने तारीफ करते हुए कहा है कि, पीएम मोदी वाला फंडा हमें भी अपनाना चाहिए।

दरअसल, इमरान खान ने भारत की विदेश नीति (India foreign policy) की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि हिंदुस्‍तान की पॉलिसी आजाद है। भारत की विदेश नीति वहां के लोगों के हित में है। पाक पीएम ने कहा कि भारत की विदेश नीति किसी के दबाव में नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं हिंदुस्‍तान की पॉलिसी की दाद देता हूं। इसके साथ ही विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए वो हिंदुस्तान पर ठिकरा फोड़ने से बाज नहीं आए। इमरान खान ने कहा है कि, विपक्षी पार्टी हिंदुस्तान से मिली हुई है। इसके साथ ही विपक्षी को डाकू तक कहा है। उन्होंने कहा कि, मैं इस्तीफा दे दूंगा लेकिन किसी के सामने नहीं झुकूंगा। इमरान खान ने कहा कि मैं पैसे देकर अपनी सरकार को बचाना नहीं चाहता हूं।

इमरान खान की इस वक्त पाकिस्तानी सत्ता में उल्टी गिनती शुरू हो गई है। क्योंकि, पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी के अपने सांसद ही उनके खिलाफ खड़े हो गए हैं। ऐसे में उनकी कुर्सी जाने का खतरा बढ़ गया है। पाकिस्तान में विपक्षी दलों द्वारा इमरान खान सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बीच सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के करीब दो दर्जन सांसदों ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। हालांकि, इमरान खान नीत सरकार ने विपक्षी दलों पर सांसदों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया है। बागी सांसद इस्लामाबाद स्थित सिंध हाउस में ठहरे हुए हैं जोकि सिंध सरकार की संपत्ति है। सिंध में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सरकार है। वहीं, इमरान खान की पार्टी ने शनिवार को कथित दलबदल को लेकर अपने असंतुष्ट सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही उनसे 26 मार्च तक स्पष्टीकरण देने का कहा गया कि क्यों नहीं उन्हें दल-बदलु घोषित किया जाए और नेशनल असेंबली की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाए।