Imran Khan Long March: पाकिस्तान में चल रहा राजनीतिक ड्रामा इतनी जल्दी खत्म होने वाला नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर से घोषणा किया है कि उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) मंगलवार को इस्लामाबाद के लिए लॉन्ग मार्च (Imran Khan Long March) उसी स्थान से फिर से शुरू करेगी जहां पंजाब प्रांत में एक रैली के दौरान उन्हें गोली मारी गई थी। गोलीबारी की इस घटना में इमरान खान के अलावा 11 अन्य लोग भी घायल हुए थे और एक समर्थक की मौत हुई थी। इमरान खान ने यह भी बताया है कि वो इस मार्च (Imran Khan Long March) में कब और कहां शामिल होंगे।
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जहां लगी गोली वहीं से निकालेंगे लॉन्ग मार्च
इमरान खान ने कहा कि, हमने तय किया है कि हमारा मार्च मंगलवार को वजीराबाद में उसी स्थान से फिर से शुरू होगा जहां मुझे और 11 अन्य को गोली मारी गई थी और जहां मोअज्जम शहीद हुए थे। पाकिस्तान में लॉन्ग मार्च के दौरान इमरान खान के दाहिने पैर में गोली लगी थी। वो वजीराबाद इलाके में थे तभी दो बंदूकधारियों ने उनपर और अन्य पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। खान पर हमले के दौरान गोली लगने से पीटीआई कार्यकर्ता मोअज्जम गोंडल की मौत हो गई थी। हमले के बाद रैली को स्थगित कर दिया गया था। गोली लगने के बाद इमरान खान को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी सर्जरी हुई थी।
रावलपिंडी में होंगे शामिल
इमरान खान ने कहा कि, मैं यहां से (लाहौर में) मार्च को संबोधित करूंगा और हमारा मार्च अगले 10 से 14 दिन के भीतर रावलपिंडी पहुंच जाएगा जो गति पर निर्भर करेगा। जब मार्च रावलपिंडी पहुंचेगा, तो वह इसमें शामिल होंगे और खुद इसका नेतृत्व करेंगे। बताते चलें कि,इससे पहले दिन में, पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा कि पीटीआई के नेतृत्व में विरोध मार्च को केवल अस्थायी रूप से रोका गया है, इसे वापस नहीं लिया गया है। आवामी मुस्लिम लीग (एएमएल) के अध्यक्ष ने इस बात पर भी खेद व्यक्त किया कि खान पर हमले की प्राथमिकी तीन दिन बीत जाने के बावजूद दर्ज नहीं की गई है। एएमएल इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई सरकार का हिस्सा थी।
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गृह युद्ध की ओर पाकिस्तान
बता दें कि, पाकिस्तान इस वक्त अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। मुल्क में बर ओर से भूचाल आया हुआ है। एक ओर पाकिस्तान के ही आतंकी मुल्क को दो टुकड़ों में बंटना चाहते हैं। टीटीपी का कहना है कि, खैबर पख्तुनवा उसे दे दिया जाए, जहां वो अपनी सरकार बनाएगा। दूसरी ओऱ पाकिस्तान में भारी आर्थिक संकट भई है। कर्ज में डूबा पाकिस्तान अब गृह युद्ध की ओऱ जा रहा है।