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इमरान ख़ान ने कहा, ‘संविधान का मज़ाक बना रही है पाक सरकार’

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने गुरुवार को कहा कि सरकार और पाकिस्तान का चुनाव आयोग 'संविधान का पूरी तरह मजाक उड़ा रहे हैं।'

पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान ख़ान ने बल देकर कहा कि उनकी पार्टी के लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि चुनाव संविधान के प्रावधानों के अनुसार होंगे या नहीं।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने गुरुवार को कहा कि सरकार और पाकिस्तान का चुनाव आयोग ‘संविधान का पूरी तरह मजाक उड़ा रहे हैं।’

ख़ान ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि उनकी पार्टी की याचिका पर पांच सदस्यीय पीठ या पूर्ण अदालत में सुनवाई की जाए, इस पर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का कोई महत्व नहीं है। जियो न्यूज़ ने बताया कि उन्होंने शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय पीठ को भंग करने पर यह टिप्पणी की, क्योंकि न्यायमूर्ति अमीन-उद-दीन ख़ान ने अनुच्छेद 184 (3) के तहत चुनाव में देरी के मामले की सुनवाई कर रही पीठ से ख़ुद को अलग कर लिया है।

पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान ख़ान ने बल देकर कहा कि उनकी पार्टी के लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि चुनाव संविधान के प्रावधानों के अनुसार होंगे या नहीं। पाकिस्तान की शीर्ष अदालत सुबह 11:30 बजे (स्थानीय समयानुसार) सुनवाई फिर से शुरू करने के लिए तैयार है।

जियो न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक़, पंजाब और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में चुनाव टालने के पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ पीटीआई की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई नहीं हुई। शीर्ष अदालत सुबह 11:30 बजे (स्थानीय समयानुसार) सुनवाई फिर से शुरू करने के लिए निर्धारित की गयी थी। हालांकि, न्यायमूर्ति अमीन-उद-दीन के इनकार के बाद अदालत में सुनवाई में देरी हुई।

इमरान ख़ान ने ट्वीट किया, ‘सुप्रीम कोर्ट की 5 बेंच हो या फुल बेंच इससे हमें कोई फर्क़ इसलिए नहीं पड़ता, क्योंकि हम सिर्फ़ इतना जानना चाहते हैं कि चुनाव 90 दिनों के संवैधानिक प्रावधान के भीतर होंगे या नहीं। इससे पहले कि हम अपनी 2 प्रांतीय विधानसभाओं को भंग करें, मैंने अपने शीर्ष संवैधानिक वकीलों से परामर्श किया।

उन्होंने आगे कहा, “बिल्कुल स्पष्ट है कि चुनाव कराने पर 90 दिनों का संवैधानिक प्रावधान अनुल्लंघनीय था। अब बदमाशों की आयातित सरकार, उनके आका और एक समझौतावादी ईसीपी संविधान का पूरा मजाक बना रहे हैं। ग़लती छुपाकर संविधान के किन अनुच्छेदों का वे पालन करेंगे।”

“वे पाकिस्तान की नींव को ही ख़तरे में डाल रहे हैं, जो कि संविधान और क़ानून का शासन है। वे चुनावों से इतने डरे हुए हैं और अपने दोषियों की ग़लती की लीपापोती करने के लिए इतने उतावले हैं कि वे संविधान और क़ानून के किसी भी प्रकार के शासन को नष्ट करने के लिए तैयार हैं।”

पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने बुधवार को घोषणा की कि ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में चुनाव 8 अक्टूबर को होंगे, जिस दिन पंजाब में चुनाव होंगे।

ईसीपी ने एक अधिसूचना में कहा कि ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में चुनाव 8 अक्टूबर को होंगे। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के चुनावी निकाय ने कहा कि चुनाव कार्यक्रम नियत समय में जारी किया जाएगा।

एक अधिसूचना में ईसीपी ने कहा, “…पाकिस्तान का चुनाव आयोग 8 अक्टूबर, 2023 को ख़ैबर पख़्तूनख़्वा की प्रांतीय विधानसभा के आम चुनावों के लिए मतदान तिथि के रूप में अधिसूचित करता है। चुनाव अधिनियम, 2017 की धारा 57(2) के तहत चुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रम नियत समय में जारी किया जाएगा।

“इससे पहले पाकिस्तान के चुनावी निकाय ने पंजाब में चुनाव स्थगित करने के अपने फ़ैसले की घोषणा की थी। चुनाव टालने के ईसीपी के इस फ़ैसले के बाद पीटीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। ईसीपी ने पंजाब चुनावों के लिए अपनी पहले की घोषणा को वापस लेने का फ़ैसला किया, क्योंकि सुरक्षा और वित्तीय निकायों ने आगामी चुनावों के दौरान चुनावी निकाय का समर्थन करने से इनकार कर दिया।