पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) ने पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान ख़ान की रिहाई तक देशव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रखने पर ज़ोर देते हुए पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को बुधवार सुबह 8 बजे इस्लामाबाद न्यायिक परिसर में इकट्ठा होने का निर्देश दिया था।
इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, “पार्टी नेतृत्व से महत्वपूर्ण निर्देश: तहरीक़-ए-इंसाफ़ के वरिष्ठ नेतृत्व और इस्लामाबाद के कार्यकर्ता और समर्थक सुबह 8 बजे न्यायिक परिसर इस्लामाबाद पहुंचेंगे। इमरान ख़ान की रिहाई तक देश भर में चल रहे धरने और विरोध प्रदर्शन अपने-अपने स्थानों पर जारी रहेंगे।”
इस बीच, पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष फ़वाद चौधरी ने बुधवार को कहा कि पार्टी इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पार्टी अध्यक्ष इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी को बरक़रार रखने को चुनौती देने के लिए आज सुबह उच्चतम न्यायालय का दरवाज़ा खटखटायेगी। फ़वाद चौधरी ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फ़ैसले को “आश्चर्यजनक” क़रार दिया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘हैरानी की बात है कि इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी को क़ानूनी क़रार दिया है। गिरफ़्तारी से पहले ज़मानत पर फ़ैसला दिए बिना इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी अवैध है, इस फ़ैसले को आज सुबह सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा रही है।”
पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के प्रमुख को अल-क़ादिर ट्रस्ट मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के वारंट पर रेंजर्स द्वारा इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के बाहर गिरफ़्तार किया गया था। जियो न्यूज़ ने बताया कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने मंगलवार को पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी को “क़ानूनी” क़रार दिया।
आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश आमेर फ़ारूक़, जिन्होंने मंगलवार को अदालत के परिसर से इमरान ख़ान को गिरफ़्तार करने के लिए रेंजर्स के क़दम पर सवाल उठाया था, ने समाचार रिपोर्ट के अनुसार आरक्षित फ़ैसले की घोषणा की।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने इमरान ख़ान, बुशरा बीबी और अन्य के ख़िलाफ़ अल क़ादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के नाम पर कथित तौर पर सैकड़ों कनाल ज़मीन हासिल करने के आरोप में जांच शुरू की थी, जिससे कथित तौर पर राष्ट्रीय रोजकोष को 190 मिलियन पाउंड का नुक़सान हुआ था।
जियो न्यूज़ ने बताया कि आरोपों के अनुसार, इमरान ख़ान और अन्य आरोपियों ने ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) द्वारा सरकार को भेजे गए समय पर कथित तौर पर 50 बिलियन – 190 मिलियन पाउंड समायोजित किए। क्रिकेटर से नेता बने इमरान ने 26 दिसंबर, 2019 को अल-क़ादिर यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट के लिए ट्रस्ट पंजीकृत कराया था।
इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के बाद पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। जियो न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर, कराची, गुजरांवाला, फैसलाबाद, मुल्तान, पेशावर और मर्दन सहित देश भर के शहरों में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।