पाकिस्तान की इमरान सरकार इन दिनों कई चीजों की मार झेल रही है, आन वाले समय में पाकिस्तान के सस्ता में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। इसका कारण एक तो यह है कि देश में इस वक्त महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है, दूसरी ओर देश वैसे ही कंगाली की हालत में है और इस बीच FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार कर अर्थव्यवस्था पर गहरा चोट दिया है। और तीसरी वजह ISI चीफ है जिसको लेकर इस वक्त विपक्ष और देश की जनता इमरान खान के फैसले से खफा है, यहां तक की आर्मी चीफ और इमरान खान के बीच भी दूरियां बढ़ने लगी है। ऐसे में अब इमरान खान को ISI चीफ को लेकर जल्द फैसला लेने के लिए कहा गया है, इतना ही नहीं इसपर सही फैसला नहीं लेने पर इमरान खान को अंजाम भी भुगतने की चेतावनी दी गई है।
पाकिस्तान में खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के चीफ को लेकर जारी गतिरोध में अब विपक्ष का गुस्सा धीरे-धीरे प्रधानमंत्री इमरान खान पर फूटने लगा है। ISI चीफ की नियुक्त को लेकर इमरान पर हमला बोलते हुए पाकिस्तान के सीनेट के पूर्व अध्यक्ष मियां रजा रब्बानी ने कहा कि इमरान को इस मुद्दे पर 'रूसी रूले खेलना बंद' करना चाहिए और निर्णय लेना चाहिए। माना जा रहा था कि इस हफ्ते तक ISI के नए चीफ के नाम का ऐलान हो जाएगा, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।
पाक मीडिया की माने तो PPP के वरिष्ठ नेता और सीनेटर मियां रजा रब्बानी ने अपने एक बयान में कहा है कि, इस मुद्दे पर देरी और अनिश्चितता के प्रभाव की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। इसके आगे उन्होंने कहा कि, अनिश्चितता की स्थिति से ISI में निष्क्रियता पैदा हो सकती है और हालात बिगड़ सकते हैं। सैन्य संस्थानों में, मूल्यांकन, त्वरित और बड़ा फैसला कमान और सफलता का सार हैं। यह नागरिक अधिकार का सवाल नहीं है क्योंकि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने पहले ही नागरिक क्षेत्र को गंवा दिया है।
इसके आगे रब्बानी ने कहा कि, जवाबदेही की बात जैसे मुद्दों के खत्म होने के बाद अब सरकार बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और कुशासन के लिए नागरिक-सैन्य संबंधों पर आधारित एक नया नेरेटिव बनाने की कोशिश कर रही है।