यूक्रेन पर रूस के हमला करने के पीछ एक दो कारण नहीं बल्कि कई सारे हैं। पश्चिमी देश इस वक्त जेलेंस्की को मासूम दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, यही यूक्रेन पिछले काफी समय से डोनबास में मासूमों और निहत्थों की जब जान ले रहा था तब यह किसी को नजर नहीं आया। डोनबास में कम से कम 15हजार लोगों को यूक्रेन ने मौत के घाट उतार दिया। रूस लगातार समझाता रहा लेकिन, जेलेस्की कत्लेआम मचाते रहे। अब जब रूस ने चढ़ाई कर दी तो दुनिया के सामने चिल्लाना शुरू कर दिया। जेलेस्की पश्चिमी देशों की ताकत के चलते रूस से जंग लड़ रहे थे। इस जंग में यूक्रेन को हर ओर से पश्चिमी देश मदद कर रहे हैं। इसके बाद भी वो रूस को कुछ नहीं बिगाड़ पा रहे। बल्कि, उल्टा ही पश्चिमी देशों में महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है। यूक्रेन को पश्चिमी देशों की ओर से पूरी तरह मदद मिल रही है जिसके चलते इतने दिनों तक ये जंग चल सकी। रूस ने पहले ही कहा था कि, पश्चिमी देशों को यूक्रेन की मदद तुरंत बंद कर देनी चाहिए। साथ ही रूस ने ये भी कहा था कि, यूक्रेन की मदद करने वले देशों को आने वाले दिनों में बुरा अंजाम देखना होगा। इस बीच रूस और यूक्रेन जंग के चलते परमाणु विस्फोट का खतरा बढ़ गया है। जेलेंस्की की गलती के चलते पूरी दुनिया में खतरा पैदा हो सकता है। इसे लेकर अब भारत ने भी बयान जारी किया है।
भारत ने यूक्रेन में जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के इस्तेमाल हो चुके ईंधन भंडारण केंद्र के पास गोलाबारी की खबरों को लेकर चिंता व्यक्त की है और परमाणु केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपसी संयम बरतने का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा है कि, हम यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों और केंद्रों की रक्षा और सुरक्षा के संबंध में घटनाक्रम का सावधानीपूर्वक अवलोकन कर रहे हैं। भारत इन केंद्रों की रक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने को अत्यंत महत्व देता है, क्योंकि परमाणु केंद्रों से जुड़ी किसी भी दुर्घटना का लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर परिणाम हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि, भारत जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के इस्तेमाल हो चुके ईंधन भंडारण केंद्र के पास गोलाबारी की खबरों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त करता है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, हम आपसी संयम बरतने का आह्वान करते हैं ताकि परमाणु केंद्रों की रक्षा और सुरक्षा को खतरा न हो।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में कहा कि पांच अगस्त को यूरोप के सबसे बड़े जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर गोलाबारी की गई, जिससे बिजली के स्विचबोर्ड के पास कई विस्फोट हुए और बिजली बंद हो गई।
बता दें कि, रूस और यूक्रेन इन दिनों जापोरिज्जिया परमाणु परिसर को लेकर आमने-सामने हैं। जापोरिज्जिया परमाणु परिसर यूक्रेन में स्थित है, जो यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र है। यह संयंत्र बिजली का उत्पादन करता है। जिस पर इन दिनों रूसी सेना का कब्जा है। लेकिन, तीन दिन पहले ही यूक्रेन की ओर से यहां पर बम और गोलीबारी की गई जिसके चलते यहां पर ये हालात पैदा हो गया है। हालांकी, यूक्रेन ने भी रूस पर रॉकेट हमले का आरोप लगाया है। लेकिन, असल में सच यही है कि जेलेंस्की अपनी सच्चाई को छुपाने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं। इस परमाणु संयंत्र को कब्जा करने के लिए हमला किया गया जिसके बाद यहां पर ये स्थिति पैदा हो गई।