अमेरिका, नाटो संग पश्चिमी देश तमाम कोशिशों के बाद भी रूस को यूक्रेन पर हमले करने से नहीं रोक पा रहे हैं। इस बीच तमाम देश अपने नागरिकों को वहां से निकला रहे हैं। लेकिन, भारत सरकार युद्धस्थर पर अपने नागरिकों को जंग के बीच वतन वापस ला रही है। इस बीच रूस की सेना भी भारतीयों की निकासी के लिए लगातार भारत की मदद कर रही है और कई बार कई घंटों के लिए युद्ध को बीच में रोक कर निकासी करा रही है। यह देखते हुए पाकिस्तान के नागरिक भी भारत का झंडा लिए वहां से बॉर्डर पार कर रहे हैं। इस बीच पाकिस्तानी नागरिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि इमरान खान ने हमें यहां मरने के लिए छोड़ दिया है अब जो भी कर सकते हैं आप ही कर सकते हैं। हमें यहां से भारत बस किसी तरह से निकाल दे।
रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने आला मंत्रियों और अधिकारियों के साथ यहां नजर बनाए हुए हैं और अपने चार मंत्रियों को यूक्रेन से लगती चार देशों में भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापसी के लिए तैनात कर रखा है। इसके साथ ही वो खुद देनों देशों के राष्ट्रपतियों से बात कर रहे हैं ताकि भारतीय सुरक्षित वापस आ सके। यूक्रेन और रूस भी भारत के नागरिकों को देखते हुए युद्ध बीच में रोक कर इन्हें वहां से निकलाने में मदद कर रहे हैं। यह देखते हुए पाकिस्तानी नागरिक भी अब भारत के तिरंगे को हाथ में लिए बॉर्डर पार कर रहे हैं।
पाकिस्तान के छात्र लगातार अपने देश की सरकार से बाहर निकालने की गुजारिश कर रहे हैं लेकिन इमरान खान सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। युद्ध के माहौल में अब पाकिस्तानी छात्रों की उम्मीदें भी दम तोड़ने लगी हैं। पाकिस्तान के छात्र मिशा अरशद उन हजारों विदेशी छात्रों में से एक हैं जो यहां पर पढ़ने आए थे और अब बुरी तरह से फंस गए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने यूक्रेन को अपनी एजूकेशन के लिए इसलिए चुना था क्योंकि यहां की फीस और रहने खाने का खर्च दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम है। अरशद यहां की नेशनल एयरोस्पेस यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। वो किसी तरह से खारकीव से बचकर निकलने में सफल हो गए हैं।
मीशा अरशद ने पाकिस्तान सरकार को लताड़ लगाते हुए कहा है कि इमरान खान सरकार यूक्रेन से अपने ही नागरिकों को बाहर निकालने के लिए कुछ नहीं कर रही है। इस छात्र ने भारत को धन्यवाद कहते हुए कहा कि, भारतीय दूतावास ने उसे युद्धे के बीच से निकालने में मदद की और उसे अपनी बस में चढ़ने की अनुमति दी जिसके बाद भारत की इस बस ने उसे टेरनोपिल शहर छोड़ा। इस पाकिस्तानी छात्र ने कहा कि भारतीय छात्रों से भरी इस बस में उसे बैठने की अनुमति दी गई यह दिखाता है भारत कितनी उदार दिल है। एक पाकिस्तान है जो अपने ही लोगों को यहां पर मरने के लिए छोड़ दिया है।
वो रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई छिड़ने के बाद से ही सुरक्षा के लिए अपने हास्टल के नीचे बने बेसमेंट में रह रहे थे। अरशद अपने देश की सरकार से बेहद खफा हैं। उनका कहना है कि उनके दूतावास ने उनकी वहां से बाहर निकलने में कोई मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि वो पाकिस्तान का भविष्य हैं और उनकी सरकार उनके साथ इस मुश्किल दौर में इस तरह का बुरा व्यवहार कर रही है।