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76 साल की दोस्ती में आई दरार! S-400 के बाद क्या रूस रोकने वाला है भारत में तेल की सप्लाई?

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India-Russia: भारत और रूस के रिश्तों को लेकर इन दिनों चर्चा हो रही है। यह चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि पिछले दिनों शंघाई शिखर सम्मेलन (एससीओ समिट) में हिस्सा लेने गोवा आए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के तेवर काफी तीखे देखने को मिले। उन्होंने कहा था कि रूस के साथ रिश्ते बरकरार रखने के लिए भारत दूसरे ऑप्शन्स का भी लुत्फ उठाना चाहता है। वो इस दिशा में प्रयास करने का इच्छुक भी नहीं दिख रहा। भारत (India-Russia) को यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही रूस से सस्‍ती दरों पर तेल खरीद रहा है। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों ने माना है कि इन दिनों भारत और रूस के रिश्ते निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं। भारत यूक्रेन युद्ध के बाद ही रूस से सस्ती दरों पर तेल खरीद रहा है और हो सकता है कि आने वाले दिनों में रूस तेल की सप्लाई बंद कर दे।

भारतीय बैंकों में कई अरब रुपये पड़े हैं जिन पर रूस का अधिकार है

सैन्‍य विशेषज्ञ और भारतीय वायुसेना से रिटायर वेटरेन पायलट विजेंद्र के ठाकुर ने यूरेशियन टाइम्‍स में लिखा है कि रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम की सप्‍लाई ठप पड़ी है। ऐसे में आगे क्‍या होगा कोई कुछ नहीं कह सकता है। भारत पिछले एक साल से घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस से आने वाली ऑयल सप्‍लाई पर निर्भर है। लावरोव ने कहा कि भारतीय बैंकों में कई अरब रुपये पड़े हैं जिन पर रूस का अधिकार है।

रूस (India-Russia) इस पैसे का प्रयोग करना चाहता है और उसके लिए रुपये को दूसरी मुद्रा में बदलना जरूरी है। उन्‍होंने कहा कि फिलहाल इस पर वार्ता जारी है। फरवरी 2022 से जारी यूक्रेन युद्ध के बाद से ही भारत को रूस से तेल की सप्‍लाई जारी है। एक साल से यह मसला अटका है व्‍यापार रुपये में किया जाए या फिर रूबल में।

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समस्या यह है कि रूस से भारत का आयात इसके निर्यात से कहीं अधिक है। नतीजतन, भारतीय बैंकों में रूसी बैंक वोस्ट्रो खातों में भारतीय रुपये का भुगतान रूस के लिए किसी काम का नहीं है। भारत के पास सिर्फ यही विकल्‍प बचता है कि वह रूस के साथ निर्यात बढ़ाए। दुर्भाग्य से, भारतीय वस्तुओं की गुणवत्ता में कमी के कारण भारतीय निर्यात गंभीर रूप से बाधित है।

क्या रूस रोकने वाला है भारत में तेल की सप्लाई?

रूस के साथ भारत (India-Russia) के गहरे रक्षा संबंध, जो दशकों से भारत को अच्छी स्थिति में खड़ा कर रहे हैं, कुछ वर्षों से अमेरिकी कानून CAATSA प्रतिबंधों की वजह से खतरे में पड़ गए हैं। रूस के साथ रुपये में व्यापार का निलंबन भारत की रक्षा क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा। व्‍यापार रुपये में हो या रूबल में इस सवाल की वजह से ही पहले ही रूस ने भारत को अतिरिक्त दो S-400 रेजीमेंट की आपूर्ति रोक दी है। हालांकि ऑयल सप्‍लाई के सामने यह मसला नहीं है क्‍योंकि उसके पास तेल का रिजर्व भंडार है