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China ने Pakistan को लगाया चूना, पावर प्लांट में घटिया कोयले का किया इस्तेमाल, मचा बवाल

पाकिस्तान (Pakistan) के नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेगुलेटरी अथॉरिटी (नेप्रा) ने चीनी बिजली कंपनियों के बहुत बड़े हेराफेरी का भंडाफोड़ किया है। दरअसल, पाकिस्तान (Pakistan) में कोयले से बिजली उत्पादन कपने वाली चीनी कंपनियां 6,000 (सीवी) के कैलोरी मान वाले कोयले का इस्तेमाल करने के वादे के बावजूद घटिया स्तर वाले आयातित कोयले का उपयोग कर रही हैं। इससे बिजली उत्पादन को कम हो ही रहा है, लेकिन पाकिस्तान को हाई क्वालिटी के कोयले का पैसा भरना पड़ रहा है। नेप्रा ने कहा कि बाहर से मंगाई जा रही एक भी कोयले की खेप आवश्यक मानकों को पूरा नहीं करती है। इसके बावजूद चीनी कंपनियां बिजली के नाम पर पाकिस्तान से अरबों रुपये का दावा कर रही हैं, जो जनता से वसूला जा रहा है।

नेप्रा की सुनवाई में हुआ खुलासा

यह खुलासा मौजूदा तंत्र की समीक्षा क लिए नेप्रा की एक सार्वजनिक सुनवाई के दौरान हुआ। इसे आखिरी बार 2016 में संशोधित किया गया थाा। यह तंत्र विभिन्न कोयले की उत्पत्ति और ताप मूल्यों के एक निश्चित बेंचमार्क वेटेज पर आधारित है, जिसे मूल रूप से जून 2014 में कोयला की कीमतों के निर्धारण के हिस्से के रूप में नेप्रा ने अनुमोदित किया था। इस कार्यवाही का नेतृत्व नेप्रा के अध्यक्ष वसीम मुख्तार ने किया, जबकि इसके सदस्यों में मथार नियाज़ राणा (सदस्य बलूचिस्तान), मकसूद अनवर खान (केपी), अमीना अहमद (पंजाब), और रफीक अहमद शेख (सिंध) शामिल थे।

चीन ने पाकिस्तान को दिया है अरबों रुपये का कर्ज

पाकिस्तान (Pakistan) ने चीन के कर्ज वाले पैसों से कोयला आधारित 6,777 मेगावाट का बिजली उत्पादन संयंत्रों को स्थापित किया है। इन संयंत्रों का ऑपरेशन चीनी कंपनियां संभालती हैं और उसके लिए कोयले का आयात भी यही करती हैं। इन पावर प्लांट के लिए पाकिस्तान को 643 अरब रुपये का कर्ज चुकाना है। पाकिस्तान पहले से ही गरीबी में है और वर्तमान के संकट ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। ऐसे में पाकिस्तान के लिए चीन के कर्जों को चुकाना भारी पड़ रहा है। पाकिस्तान की अवाम पहले से ही बिजली की भारी कीमतों के बोझ तले दबी हुई है। हाल में ही पूरे पाकिस्तान में बिजली की कीमतों को लेकर कई बड़े विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं।

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