रूस के यूक्रेन में सैन्य ऑपरेशन का 79वां दिन है। इस ऑपरेशन में रूसी सैनिक लगातार यूक्रेन के शहरों पर कब्जा करते हुए ताबड़तोड़ हमले बोल रहे हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की इस वक्त अमेरिका और नाटो के घमंड में चूर हैं। जेलेंस्की को पूरी उम्मीद है कि वो जंग जीत जाएंगे। जबकि, उनके सामने दुनिया का महाशक्तिशाली देश रूस है। रूस चाहे तो चंद सेकेंड्स में इस जंग को खत्म कर दे लेकिन, इसमें सबसे ज्यादा मौत आम जनता की होगी इसलिए उसे सब कुछ ध्यान में रखते हुए इस ऑपरेशऩ को अंजाम देना पड़ रहा है और यूक्रेनी राष्ट्रपति इसी का फायदा उठा रहे हैं। इस वक्त आलम यह है कि, रूसी सैनिकों के आगे यूक्रेन के सैनिक दम तोड़ रहे हैं। खैर इन सबके बीच भारत ने यूक्रेन साथ अपने रिश्ते को लेकर बड़ा बयान दिया है।
दरअसल, भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास जो कि मौजूदा वक्त में अस्थायी रूप से वारसॉ (पोलैंड) से बाहर काम कर रहा है, 17मई 2022से कीव में अपना परिचालन फिर से शुरू कर देगा। बता दें कि 13मार्च 2022को भारत ने अपने दूतावास को अस्थायी रूप से वारसॉ में स्थानांतरित कर दिया था। यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने यूक्रेन से फंसे भारतीयों को निकालने में अहम भूमिका निभाई थी। भारत ने अपने निकासी मिशन ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से हजारों नागरिकों को सुरक्षित निकाला था। इसके साथ ही भारत ने नेपाल और बांग्लादेश के नागरिकों को भी युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित निकाला था।
भारत ने अपने नागरिकों को यूक्रेन से ऐसे समय में निकासी की जब चीन, ब्रिटेन, अमेरिका के आलावा अन्य बड़े देशों ने अपने नागरिकों को वहां से निकालने से मना कर दिया था। इस निकासी अभियान में रूस की सेना ने भी भारत का पूरी सहयोग किया। यहां तक की भारतीय नागरिकों को देख कई घंटों को लिए दोनों ओर से जंग रोकी गई। इसी दौरान यह भी देखने को मिला की पाकिस्तान के भी नागरिका भारत का झंडा लिए निकासी कर रहे थे।