अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी में सबसे बड़ा हाथ पाकिस्तान और चीन का रहा है। इन दोनों ही देशों ने अपने फायदे के लिए तालिबान की सत्ता में वापसी के लिए मदद की थी। चीन को जहां अफगानिस्तान के खजाने पर नजर थी तो वहीं, पाकिस्तान को उसकी जमीन पर भारत के खिलाफ आतंक को बढ़ावा देने की साजिश थी। लेकिन तालिबान इन दोनों ही देशों को झटका देते हुए अपनी जमीन इस्तेमाल करने से मना कर दिया है। जिसके बाद से पाकिस्तान के साथ रिश्तों की जड़ें कमजोर हो गई हैं। इस बीच भारत ने अफगानिस्तान में अपनी पकड़ मजबूत बना ली है और तालिबान भी भारत के दरियादिली से खुश है। भारत का ये कदम पाकिस्तान और चीन के लिए किसी बड़ी झटके से कम नहीं है।
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दरअसल, अफगानिस्तान में मानवीय संकट लगातार गहराता जा रहा है। ऐसे में कई बड़े देश अपने-अपने तरीके से मदद कर रहे हैं। भारत ने भी अफगान नागरिकों के लिए अपनी दरियादिली दिखाई है। अब भारत ने अफगानिस्तान को शुक्रवार को मानवीय सहायता के तहत दो टन जीवन रक्षक दवाओं की खेप भेजी है। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, मानवीय सहायता के तहत जीवन रक्षक दवाओं की यह खेप काबुल स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल के प्राधिकारियों को सौंपी गई। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, अफगानिस्तान के लोगों को जारी मानवीय सहायता के तहत भारत ने आज अफगानिस्तान में तीसरी खेप के तहत दो टन जीवन रक्षक दवाएं भेजीं।
भारत की इस दरियादिली ने तालिबान को खुश कर दिया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक ट्वीट में इसका स्वागत किया है। मुजाहिद ने ट्वीट किया, इस्लामिक अमीरात मानवीय सहायता और सहयोग के लिए भारत का आभारी है। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है भारत, अफगानिस्तान के लोगों के साथ विशेष संबंध जारी रखने और उन्हें मानवीय सहायता प्रदान करने को प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्रालय ने कहा, इस प्रयास में, हमने हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के माध्यम से अफगानिस्तान को कोविड-19रोधी टीके की 5,00,000खुराक और 1.6टन चिकित्सा सहायता की आपूर्ति की थी। मंत्रालय ने कहा, आने वाले हफ्तों में, हम अफगानिस्तान को मानवीय सहायता की और अधिक खेपों की आपूर्ति करेंगे, जिसमें दवाएं और खाद्यान्न शामिल होंगे।
अफगानिस्तान की पूर्ववर्ती अशरफ गनी सरकार द्वारा भारत में अफगान राजदूत नियुक्त किये गए फरीद मामुन्दजई ने सहायता प्रदान करने के लिए नयी दिल्ली को धन्यवाद दिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, अफगान लोगों को आवश्यक मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए भारत को धन्यवाद। 2टन आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं से युक्त चिकित्सा सहायता की तीसरी खेप आज काबुल के इंदिरा गांधी अस्पताल पहुंची। अफगानिस्तान को ऐसी आपूर्ति की सख्त जरूरत है।
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बता दें कि, भारत ने एक जनवरी को अफगानिस्तान को कोविड रोधी टीके कोवैक्सीन की 5 लाख खुराक की आपूर्ति की थी और यह भी घोषणा की थी कि आने वाले सप्ताह में टीके की और खुराक भेजी जाएंगी। वहीं, दिसंबर में भारत ने अफगानिस्तन को 1.6 मीट्रिक टन चिकित्सा सहायता की आपूर्ती की थी।