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पाकिस्तान से बगावत पर उतरा ड्रैगन, बंद कर रहा है CPEC प्रोजेक्ट! बौखलाए इमरान खान जिनपिंग के तलवे चाटने जाएंगे बीजिंग

जिनपिंग के तलवे चाटने बीजिंग जाएंगे इमरान खान

पाकिस्तान और चीन की दोस्ती जग जाहिर है। दोनों के बीच इतनी घनिष्ठता है कि पाकिस्तान किसी भी वक्त कुछ भी करने के लिए सदैव तत्पर रहता है। चीन इन दिनों पाकिस्तान में अपने सीपीईसी के तहत कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इन्हीं में से चीन के कई पारियोजनाओँ का पाकिस्तानी जमकर बहिष्कार भी कर रहे हैं। यहां तक कि चीनी कर्मचारियों के ऊपर हमले भी तेज हो गए हैं। जिसके चलते इस प्रोजेक्ट पर काफी असर पड़ रहा है। पाकिस्तान का हाल वैसे ही बुरा है। इस वक्त मुल्क दाने-दाने के लिए मोहताज है। चीनी कर्मियों के ऊपर जब हमले तेज हुए तो इसका असर CPEC पर भी पड़ा और तय सीमा से पहले ही कई काम अब तक लंबित है। जिससे ड्रैगन पाकिस्तान की इमरान खान से खासा नाराजा है साथ ही अपने कई परियोजनाओँ पर रोक लगा दी। अब इमरान खान शी जिनपिंग के तलवे चाटने के लिए अगले महीने चीन जाने की तैयारी में है और इस दौरान वो चीन के आगे अपनी झोली फैलाते हुए मदद की गुहार लगाएंगे।

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इमरान खान बीजिंग के साथ अपने सदाबहार द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के साथ ही सीपीईसी के तहत विभिन्न परियोजनाओं के लिए अधिक से अधिक निवेश हासिल करने के लिए चीन के आगे अपनी झोली फैलाएंगे। इन दिनों पाकिस्तान में जारी राजनीतिक अस्थिरता और सीपीईसी में कार्यरत चीनी नागरिकों पर हमले से नाराज चीन ने कई परियोजनाओं की फंडिंग को रोक दिया है। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) मामले में प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहयोगी खालिद मंसूर ने बुधवार को सालाना एपीसीईए सतत विकास रिपोर्ट 2021 के विमोचन के अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री चीन दौरे से पहले निवेशकों की राह में आने वाली सभी अड़चनों को दूर कर देना चाहते हैं। मंसूर सीपीईसी प्राधिकरण के प्रमुख भी हैं।

उन्होंने आगे कहा कि, इमरान खान CPEC परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी हर 15 दिन में लेते हैं। इस्लामाबाद स्थित चीनी दूतावास में सालाना एपीसीईए सतत विकास रिपोर्ट-2021 का विमोचन पाकिस्तान-चाइना इंस्टीट्यूट (पीसीआई) और ऑल-पाकिस्तान चाइनीज एंटरप्राइजेज एसोसिएशन (एपीसीईए) ने किया। करीब 60 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत वाला सीपीईसी चीन के संसाधन संपन्न शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ग्वादर बंदरगाह को जोड़ता है। सीपीईसी चीन की बेल्ट एंड रोड पहल का सबसे अहम हिस्सा है जो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सबसे पसंदीदा योजना है। चीन इसके जरिए ऐसा करना चाहता है कि उन देशों की अर्थव्यवस्था उसके हाथ में आ जाए और दुनियाभर में चीन का प्रभाव बढ़ें।

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इमरान कान फरवरी के शुरू में ही चीन दौरे पर जाएंगे। चीन के राजदूत नोंग रोंग ने उनके इस दौरे को लेकर कहा है कि, चीन ने पाकि्सतान में बन रहे सीपीईसी पर अब तक 25 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए हैं जिससे 75 हजार लोगों को काम मिला है। इसके तहत 500 किलोमीटर लंबे राजमार्ग और सड़कें बनीं तथा 5500 किलोवाट विद्युत उत्पादन हुआ। बता दें कि, इस वक्त पाकिस्तान में 200 चीनी कंपनियां काम कर रही हैं।