करतारपुर साहिब कॉरिडोर के बदले भारत ने पाकिस्तान को रिटर्न गिफ्ट देने का फैसला किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए अमृतसर से अजमेरशरीफ तक स्पेशल ट्रेनें जल्द शुरू होगी। सरकारी तौर पर बॉर्डर पार करा कर अमृतसर तक लाए गए पाकिस्तानी श्रद्धालुओं को इन स्पेशल ट्रेनों से अजमेर शरीफ दरगाह तक ले जाने और वापस लाने तक की व्यवस्था की जाएगी। रेल सूत्रों के अनुसार ये सेवाएं इसी महीने से शुरू हो सकती हैं।
आपको बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के पंजाब राज्य के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्धारे से जोड़ता है। चार किलोमीटर लंबा कॉरिडोर भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के लिए दरबार साहिब जाने के लिए वीजा मुक्त पहुंच सुनिश्चित करता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए पैसे लेकर जाने की सीमा कम कर दी है। करतारपुर स्थित गुरुद्वारे दरबार साहिब की तीर्थयात्रा के दौरान भारतीय श्रद्धालु 11,000 रुपये या अमेरिकी डॉलर के रूप में इतनी ही राशि ले जा सकते हैं।
नई सीमा भारतीय पासपोर्ट धारकों के साथ-साथ भारतीय मूल के व्यक्तियों पर भी लागू होगी, जिनके पास करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में गुरुद्वारा दरबार साहिब की यात्रा करने वाले ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया कार्ड हैं। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि सरकार के परामर्श से रिजर्व बैंक ने फैसला किया है कि भारतीय पासपोर्ट धारकों के साथ ही भारतीय मूल के ओसीआई कार्डधारकों को श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब की तीर्थयात्रा के दौरान भारत से जाते समय या वापसी करते समय अपने साथ 11,000 रुपये या अमेरिकी डॉलर के रूप में इतनी ही राशि साथ रखने की इजाजत होगी।