US India NSA Meeting: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बीते रविवार अमेरिका समेत सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के अपने समकक्षों से मुलाकात की। इस मीटिंग का उद्देश्य वाइट हाउस के उस प्रस्ताव पर चर्चा करना था जिसमें भारतीय विशेषज्ञों का इस्तेमाल करते हुए पश्चिमी एशियाई देशों को रेल के माध्यम से जोड़ने की बात बोली गई है। अमेरिका और भारत के चीन के साथ तनावपूर्ण संबंध बने हुए हैं। ऐसे में यह प्रोजेक्ट बीजिंग के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है जो अरब जगत में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि मिडिल ईस्ट उसके बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का एक प्रमुख हिस्सा हैं।
पश्चिमी एशिया से जुड़ेगा भारतीय उपमहाद्वीप
सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक अजीत डोभाल इस बैठक के रविवार को सऊदी अरब गए हैं। मीटिंग में हिस्सा लेने वाले अधिकारी दक्षिण एशिया में भारतीय उपमहाद्वीप को पश्चिम एशिया से जोड़ने वाले बड़े रेलवे, समुद्री और रोड नेटवर्क बनाने के लिए संयुक्त परियोजना पर चर्चा कर सकते हैं। इस बारे में सबसे पहले जानकारी अमेरिकी न्यूज वेबसाइट Axios ने दी है। इस दौरान, वाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने रविवार को सऊदी अरब में अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि दोनों नेता इस महीने के अंत में ऑस्ट्रेलिया में क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर फिर से मिलेंगे। जनवरी में महत्वाकांक्षी ‘इंडिया यूएस आईसीईटी (इनीशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी)’ संवाद शुरू करने के बाद डोभाल और सुलिवन के बीच यह पहली बैठक है।
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वाइट हाउस ने जारी किया बयान
वाइट हाउस ने रविवार को बैठक का ब्योरा बताते हुए कहा, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भारत और दुनिया के साथ जुड़े हुए समृद्ध और अधिक सुरक्षित पश्चिम एशिया के साझा दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के मद्देनजर सऊदी अरब में सात मई को सऊदी के प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शेख तहनून बिन जायद अल नहयान और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की।’
सऊदी अरब के आगे ‘झुका’ अमेरिका
इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 में हत्या के बाद अपने चुनाव प्रचार अभियान में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सऊदी अरब को ‘अलग-थलग’ करने का संकल्प लिया था। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह हत्या क्राउन प्रिंस के आदेश पर हुई, लेकिन सऊदी अरब इससे इनकार करता है। हालांकि, बाइडन ने पिछले साल जुलाई में सऊदी अरब की यात्रा कर यूक्रेन पर रूस के युद्ध जारी रहने के मद्देनजर ऊर्जा जरूरतों पर देश से सहायता मांगी थी।