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America के राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी की जबरदस्त पॉपुलैरिटी,एक घंटे में 4.5 लाख डॉलर जुटाए।

America के राष्ट्रपति चुनाव में विवेक रामास्वामी की बढ़ी लोकप्रियता

America में साल 2024 में राष्ट्रपति का चुनाव होना है। 2024 में राष्ट्रपति पद के लिए एक बार फिर जो बाइडेन अपनी उम्मीदवारी का संकेत दे रहे हैं। लेकिन इस चुनाव में बांकी के उम्मीदवारों की ओर से भी जीतोड़ कोशिश जारी है। इस बीच भारतीय मूल के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी भी काफी मेहनत कर रहे हैं,यही कारण है कि विवेक रामास्वामी की पॉपुलैरिटी काफी तेजी से बढ़ रहा है।

भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी एक घंटे में 450000 डॉलर जुटा लिए हैं। विवेक रामास्वामी के कैंपेन के अनुसार, 38 वर्षीय राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ने डिबेट के बाद पहले घंटे में 38 अमेरिकी डॉलर के औसत डोनेशन के साथ 450,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक जुटाए हैं। बता दें कि America के चुनाव में चंदा इकठ्ठा करने के भी महत्व हैं।

भारतीय-अमेरिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी की पॉपुलैरिटी रेटिंग और ऑनलाइन फंड रेजिंग में पहली रिपब्लिकन प्रेसिडेंटल डिबेट के एक दिन बाद इजाफा देखा गया। भारतीय अमेरिकी विवेक रामास्वामी रिपब्लिकन डिबेट में प्रतिद्वंद्वियों को मात देते नजर आए।

America के राष्ट्रपति की दौड़ में शामिल भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी की लोकप्रियता में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं एक्स पूर्व में ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी की तारीफ की है।

भारतीय अमेरिकी विवेक रामास्वामी रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की पहली डिबेट में अनुभवी प्रतिद्वंद्वियों को मात देते नजर आए, उन्होंने सबसे ज्यादा तीखे प्रहार किए और तालियां भी बजाईं। फॉक्स न्यूज के मुताबिक , रामास्वामी पहले रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की डिबेट के लिए सबसे अधिक Google पर खोजे जाने वाले GOP कैंडिडेट थे।

विवेक रामास्वामी को उनके तीन शीर्ष प्रतिद्वंद्वियों, न्यू जर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टीज़, पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस और दक्षिण कैरोलिना की गवर्नर निक्की हेली से कड़ी टक्कर मिल रही थी।

द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया, “विवेक रामास्वामी ने पहली रिपब्लिकन प्राइमरी डिबेट में सुर्खियां बटोरीं।” इसके एडिटोरियल बोर्ड ने अपने संपादकीय में उनके विदेश नीति प्रस्तावों की आलोचना की और कहा कि इससे उन्हें व्हाइट हाउस नहीं मिलेगा।

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