पिछले कई महीनो से पाकिस्तान (pakistan) आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पाकिस्तान सबसे भीख मांग रहा है। अब तो पाकिस्तान डिफ़ॉल्ट होने की कगार पर पहुंच गया है। पाकिस्तान कई महीनो से अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) से कर्ज के लिए गुहार लगा रहा है। पाकिस्तान ने पिछले 70 साल में 21 बार आईएमएफ (IMF) से कर्ज लिया है। पाकिस्तान की भीख मांगने की आदत अब उसके लिए संकट का सबब बन गई है। कई महीने की मशक्कत के बाद भी अभी तक पाकिस्तान को लोन का रास्ता साफ नहीं हो पाया है। इस बीच पाकिस्तान के एक चर्चित पत्रकार वजाहत एस खान ने दोनों देशों के बीच बढ़ रहे अंतर का जिक्र कर देश की बदहाली पर आंसू बहाए हैं। वजाहत ने दो आंकड़े ट्वीट करके कहा कि भारत आसानी से मैनुफैक्चरिंग के मामले में जहां दुनिया में शीर्ष स्थान पर है, वहीं पाकिस्तान अब दुनिया के डायबिटीज बीमारी के चार्ट में टॉप पर पहुंच गया है।
वजाहत ने कहा, ‘भारतीय दुनिया के सबसे अफोर्डेबल मैनुफैक्चरिंग लिस्ट में शीर्ष पर पहुंच गए हैं जो यह आंशिक रूप से यह बताती है कि वहां पर विदेशी निवेश का बूम है। वहीं पाकिस्तानी डायबिटीज के चार्ट में शीर्ष पर पहुंच गए हैं। यह लिस्ट बताती है कि पाकिस्तान में आलस्य और बीमारी व्यापक रूप से बढ़ती जा रही है।’ इस लिस्ट में पाकिस्तान में डायबिटीज की दर 30.8 प्रतिशत है। वहीं मैनुफैक्चरिंग लिस्ट में भारत नंबर 1 पर है और चीन दूसरे तथा वियतनाम 3 नंबर पर है।
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शरीफ पर अब IMF चीफ से गिड़गिड़ाए
वजाहत ने ये ट्वीट ऐसे समय पर किया है जब पाकिस्तान कर्ज के लिए दुनिया से भीख मांग रहा है। आईएमएफ से कर्ज मिलना पाकिस्तान के लिए टेढ़ी खीर होता जा रहा है। पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच साल 2019 में 6.5 अरब डॉलर के पैकेज के लिए डील हुई थी और अब वैश्विक एजेंसी इस पैकेज की ताजा किश्त जारी करने से परहेज कर रही है। पाकिस्तान को अगर यह किश्त नहीं मिलती है तो वह डिफॉल्ट हो जाएगा।
Two damning stats of #PakistanVsIndia:
The Indians top the world’s most affordable manufacturing list, which partially explains the foreign investment boom there
Meanwhile, the Pakistanis top the world’s diabetic charts, which explains the widespread lethargy and malaise… pic.twitter.com/2P8EdD4Hhx
— Wajahat S. Khan (@WajSKhan) May 29, 2023
शहबाज और आईएमएफ के बीच यह बातचीत तब हुई है जब वित्त मंत्रालय गतिरोध को खत्म कराने में विफल रहा था। पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच पिछले 4 महीने से लोन के लिए बातचीत चल रही है लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है। वहीं आईएमफ की नजर अब पाकिस्तान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर हो गई है। आईएमएफ का यह बयान दुर्लभ माना जा रहा है क्योंकि वह आमतौर किसी देश के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है।