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India के हथियारों का दुनियाभर में डंका, ब्रह्मोस और Tejas खरीदने में इस देश ने दिखाई दिलचस्पी

भारत के हथियारों (Fighter Jet) का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। भारत की हर क्षेत्र में दुनिया में धाक बढ़ रही है। सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाला भारत अब हथियार बेचने वाले देश के रूप में भी अपने आपको आगे बढ़ा रहा है। फिलिपींस जैसे दक्षिण चीन सागर के आसपास के देश पहले ही भारत (Fighter Jet) की ब्रह्मोस मिसाइल के ‘दीवाने’ हैं। अब उत्तरी अफ्रीकी देश मिस्र भी भारत के विमानों की ओर आकर्षित हो रहा है। भारत मिस्र के साथ कम से कम 20 तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान बेचने के लिए बातचीत कर रहा है। साथ मिस्र ने भारत की ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में भी इंटरेस्ट दिखाया है। इसी बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास भी चल रहा है, जहां भारत और मिस्र के बीच रणनीतिक साझेदारी साफ नजर आ रही है।

इसी बीच मिस्र में संयुक्त अभ्यास के दौरान भारतीय वायु सेना के पांच मिग-29 लड़ाकू विमान उड़ान भर रहे हैं। इनके साथ दो आईएल-78 एरियल रिफ्यूलर, दो सी-130 और दो सी-17 विमान के साथ करीब 150 थल सैनिकों का दल भी मिस्र पहुंचा हुआ है। ये सभी लड़ाकू विमान और वायु सैनिक मिस्र में आयोजित ऑपरेशन ब्राइट स्टार में हिस्सा लेने मिस्र पहुंचे हैं। इस सैन्य अभ्यास में अमेरिका, सऊदी अरब, ग्रीस और कतर की वायु सेनाएं भी हिस्सा ले रही हैं। इस अभ्यास की शुरुआत 27 अगस्त को हुई थी, जो 16 सितंबर तक जारी रहेगा। ऑपरेशन ब्राइट स्टार को मोहम्मद नागुइब मिलिट्री सेंटर में आयोजित किया गया है। भारतीय लड़ाकू विमानों के मिस्र पहुंचने को दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों से जोड़कर देखा जा रहा है।

भारत से तेजस की खरीद कर सकता है मिस्र

भारत मिस्र के साथ कम से कम 20 तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान बेचने के लिए बातचीत कर रहा है। मिस्र ने ब्रह्मोस मिसाइल (Fighter Jet) को खरीदने में भी रुचि दिखाई है। ऐसे में भारत को मिस्र में अपना बड़ा खरीदार नजर आ रहा है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार भारत और मिस्र के बीच असाधारण संबंध और गहरा सहयोग रहा है, जिसमें दोनों ने 1960 के दशक में संयुक्त रूप से एयरो-इंजन और विमान का विकास किया था और मिस्र के पायलटों का प्रशिक्षण भारतीय पायलटों के साथ किया गया था।

ऑपरेशन ब्राइट स्टार में पहली बार इंडियन फाइटर जेट

ऑपरेशन ब्राइट स्टार दो साल में एक बार होने वाला तीनों सर्विसेज (जल-थल-वायु) का एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है। लेकिन, यह पहली बार है कि इसमें भारत ने वायुसेना की एक टुकड़ी भेजी है। इसमें पांच मिग-29, दो आईएल-78, दो सी-130 और दो सी-17 विमान शामिल हैं। भारतीय वायुसेना के गरुड़ स्पेशल फोर्सेज के कर्मियों के साथ-साथ 28, 77, 78 और 81 स्क्वाड्रन के कर्मी अभ्यास में भाग ले रहे हैं। भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वायु सेना के ट्रांसपोर्ट विमान भारतीय सेना के लगभग 150 कर्मियों को एयरलिफ्ट भी प्रदान करेंगे।

क्यों मजबूत हो रही भारत-मिस्र रणनीतिक साझेदारी?

इस युद्धाभ्यास में भारत की सक्रियता को नई दिल्ली और काहिरा के बीच बढ़ती रणनीतिक निकटता से भी जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, भारत अब अपने बढ़ते रक्षा निर्यात के लिए संभावित बाजार के रूप में मिस्र पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं, मिस्र चाहता है कि भारत अफ्रीका के साथ-साथ अरब दुनिया के साथ अपने संबंधों को संतुलित करने के लिए एशिया में उसे अपना भागीदार बनाए।

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