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China-Pakistan ने इस देश को लगाया 46 अरब का चूना, भेजे गए JF-17 फाइटर जेट निकले कबाड़

China Pakistan's fighter jet JF-17

पाकिस्तान (China-Pakistan) कंगाली की हालत से गुजर रहा है। पाकिस्तान के सैन्य हथियार भी इस कारण अपडेट नहीं है। कई सैन्य हथियारों को जंग लग चुका है। ऐसे में पाकिस्तान ने म्यांमार को जो फाइटर जेट भेजे हैं, वे भी कबाड़ निकले। इससे म्यांमार पाकिस्तान से काफी नाराज हो गया है। 2016 में पाकिस्तान और म्यांमार में हुए जेट खरीदी समझौते में पाकिस्तान ने खराब लड़ाकू विमानों की आपूर्ति म्यांमार की सेना को कर दी। पाकिस्तान द्वारा म्यांमार को दिए गए लड़ाकू विमान, जेएफ-17 थंडर को अयोग्य घोषित कर दिया गया है। सैन्य शासन ने इस गड़बड़ी के लिए जवाब देने के लिए इस्लामाबाद को एक ‘सख्त संदेश’ भी भेजा है।

भेजे गए JF-17 फाइटर जेट निकले कबाड़

उड़ान नहीं भर पाने की वजह से ये सभी विमान (China-Pakistan) कबाड़ की स्थिति में ऐसे ही खड़े हैं। विमान की तकनीकी कमियों की वजह से म्यांमार ने शाहबाज़ शरीफ और पाक सेना अध्यक्ष मुनीर पर काफी भड़क गए हैं। उन्होंने डिफेंस डील रद्द करने की चेतावनी भी दे दी है। गृहयुद्ध से जूझ रहे म्यांमार ने साल 2018 पाकिस्तान से 16 फाइटर जेट ख़रीदे थे। ये JF-17 फाइटर जेट पाकिस्तान चीन की मदद से विकसित किया है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन म्यांमार के साथ बिजनेस नहीं करता है इसलिए उसने पाकिस्तान का सहारा लिया। लेकिन इस सौदे में म्यांमार को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। म्यांमार के पास अभी 11 फाइटर जेट हैं। लेकिन उन सभी को उड़ान के लिए अनफिट करार दिया गया है। ये तकनीकी समस्याएं शुरुआती दिनों यानी की जब इन जेट विमानों की पहली खेप पहुंची थी तभी से आ रहीं हैं।

पाकिस्तान के लिए ये डील “डूबते को तिनके का सहारा”

पहले तो पाकिस्तान (China-Pakistan)ने इस कमी को दूर करने के लिए इंजीनियरों के दल को म्‍यांमार भेजा था। लेकिन इनमें कुछ भी सुधार नहीं होने के बाद साल 2022 इनकी उन्नत किस्म दोबारा भेजा गया। लेकिन वह भी कबाड़ ही निकले। इस स्थिति में म्यांमार पाकिस्तान पर काफी भड़क गया है और डील को रद्द करने की चेतावनी दे डाली है। म्‍यांमार के तानाशाह सैन्य शासक ने पाकिस्‍तान को सख्‍त चेतावनी दी है। चीन से गुहार लगाई है कि वह इस पूरे मामले में हस्‍तक्षेप करे। हाल ही में चीन के राजदूत ने म्‍यांमार के सैन्य शासक जनरल मिन से मुलाकात की थी। चीन का संदेश उन्‍हें दिया था। इधर पाकिस्तान के लिए भी ये डिफेंस डील काफी जरूरी है। आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए ये डील “डूबते को तिनके का सहारा” साबित हो रहा है। पाकिस्तान ने डील को जारी रखने के लिए म्यांमार से क़ाफी मिन्नतें भी की है।

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