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मेलबॉर्न में PM मोदी की वाह-वाह, पिछले नौ साल में हुई ज़बरदस्त तरक़्क़ी,दुनिया में बजा भारत का डंका

एक मंच पर सभी समुदायों के धार्मिक और अध्यात्मिक नेता

23 अप्रैल को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में बंजिल पैलेस में विश्व शांति के लिए आयोजित सांप्रदायिक सद्भावना कार्यक्रम में भारतीय अल्पसंख्यक फ़ाउंडेशन (आईएमएफ), एनआईडी फ़ाउंडेशन नई दिल्ली और नामधारी सिख सोसाइटी जैसे विभिन्न समुदायों के धार्मिक और अध्यात्मिक नेताओं ने भाग लिया। 

इस सम्मेलन मेंअहमदिया मुस्लिम समुदाय के डॉक्टर तारिक बट, दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के ताहा शाक़िर भी शामिल हुए. सतनाम सिंह संधू ने ‘हार्टफेल्ट लेगेसी टू द फ़ेथ’ पुस्तक भी भेंट की, जो सिख समुदाय के लिए पीएम मोदी द्वारा किए गए योगदान और कार्यों पर आधारित है।

सद्भावना कार्यक्रम एनआईडी फ़ाउंडेशन द्वारा शुरू की गयी एक ऐसी पहल है, जो माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के दृष्टिकोण को लेकर है, जहां उन्होंने पूरी दुनिया को ‘एक परिवार’ के रूप में दुनिया के हर कोने में बुलाया। इस कार्यक्रम में धार्मिक नेताओं, बुद्धिजीवियों, विद्वानों, प्रचारकों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया।

नामधारी समाज के आध्यात्मिक गुरु सतगुरु उदय सिंह ने कहा कि धर्म सबको जोड़ता है और धर्म का अर्थ है प्रेम और शांति। उन्होंने कहा, “दुनिया ने हर क्षेत्र में अपार विकास किया है, लेकिन उसे सच्ची शांति केवल धर्म से मिलती है।” उन्होंने कहा, “हमें धार्मिक सद्भाव और विश्व शांति पर ध्यान देना चाहिए, क्षेत्रीय मतभेदों को पार आना चाहिए और सभी को ऐसा करने के लिए प्रेरित भी करना चाहिए।”

ऑस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त राजदूत मनप्रीत वोहरा ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत की वैश्विक छवि को बदलकर रख दिया है। अब विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर भारत की आवाज़ सुनी जाती है। दुनिया का हर देश अपने मुद्दों और समर्थन के लिए भारत की ओर देखता है। उन्होंने कहा, “भारत QUAD जैसे हर महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वैश्विक समूह, बहुपक्षीय समूहों का हिस्सा/भागीदार है। यह सब पिछले दशक के दौरान हुए हालिया विकास के कारण ही संभव हो पाया है। भारत दुनिया के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। G-20 का लोगो, जिसे भारत ने तैयार किया है, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की अवधारणा से प्रेरित है। यह लोगो कहता है ‘एक दुनिया, एक परिवार, एक भविष्य।ऐसे में हम सभी के लिए यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि हम एक-दूसरे को परिवार मानें और प्यार, शांति, सद्भाव, समृद्धि और भाईचारे के समान भविष्य को अपनायें।

उन्होंने यह भी कहा कि एनआईडी फ़ाउंडेशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सद्भावना या विश्व शांति के विचार को पूरे विश्व में आगे बढ़ा रहा है। पिछले साल पीएम आवास से शुरू हुई यह यात्रा एक आंदोलन में बदल गयी है, जो विभिन्न समुदायों के लोगों को एक साथ एक मंच पर ला रही है। हम जिस प्रगति का सपना देखा करते थे कि भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में दुनिया के केंद्र में आयेगा, वह अब पूरा हो गया है।

सद्भावना के मौक़े पर बोलते हुए ऑस्ट्रेलिया के संसद सदस्य (सांसद) और ऑस्ट्रेलिया के सामुदायिक सुरक्षा, प्रवासी सेवाओं और बहुसांस्कृतिक मामलों के शैडो मिनस्टर हैं, जेसन वुड ने कहा, “यह सभी धार्मिक नेताओं के साथ मिलकर पहल वाली एक शानदार घटना थी। शांति और सद्भाव की एक आवाज़। विश्व शांति की आवश्यकता के बारे में इतने सारे धार्मिक नेताओं को बात करते देखना अद्भुत था। दुनिया भर में सकारात्मक संदेश भेजने वाले धार्मिक नेताओं का होना ही महत्वपूर्ण है। ”

उन्होंने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलियाई समुदाय के अलावा, भारतीय ऑस्ट्रेलियाई समुदाय पीएम मोदी की आगामी ऑस्ट्रेलिया यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित है। वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता हैं और हमें बहुत गर्व है कि वह हमारे देश आ रहे हैं।

जेसन वुड ने कहा “लोगों का सम्मान करने की पीएम मोदी का कौशल और एक साथ काम करने की भावना और उनकी विनम्रता की प्रशंसा हम सभी करते हैं। उनके नेतृत्व में भारत को अब उद्यमियों के देश के रूप में माना जाता है और एक भारत को एक ऐसे देश के रूप में देखा जाता है,जहां आपकी कड़ी मेहनत को पुरस्कृत किया जाता है।”

एक मंच पर सभी धर्म और समुदायों के प्रतिनिधि
एक मंच पर सभी धर्म और समुदायों के प्रतिनिधि

पाकिस्तान से आने वाले अहमदिया मुस्लिम समुदाय विक्टोरिया के एक सदस्य और अब ऑस्ट्रेलिया में रह रहे तारिक़ बट ने कहा कि यह आयोजन एक बड़ी पहल है और हिंदू और मुस्लिम समुदायों को एक साथ लाने और उन्हें एक मंच पर लाने का है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी सद्भाव और शांति को बढ़ावा देने के लिए समुदायों को अन्य समुदायों के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करके सही दिशा में काम कर रहे हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “पीएम मोदी के पास वह करिश्मा है, जहां लोग उनके धार्मिक झुकाव की परवाह किए बिना,जो कुछ आच्छा है, उनका अनुसरण कर रहे हैं ।”

दाउदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के ताहा शाकिर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई के मरोल में अलजामिया-तुस-सैफ़ियाह अरबी अकादमी के नए परिसर का उद्घाटन करते हुए हमें बताया कि वह ‘परिवार के सदस्य’ के रूप में परिसर का दौरा कर रहे हैं। पीएम ने फ़रवरी में कैंपस का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा, “अब हमारे बीच अच्छे संबंध हैं और हमने पिछले नौ वर्षों में वास्तव में अच्छे दिन के रूप में बिताये हैं और हमारा समुदाय पीएम मोदी का सम्मान करता है। जब वह आयेंगे, तो उनका अभिवादन करने के लिए हमारा समुदाय, जो ऑस्ट्रेलिया में पाकिस्तानी मूल के भी हैं, सिडनी में होगा।” भारतीय अल्पसंख्यक समुदायों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं कई बार भारत की यात्रा कर  चुका हूं, हमारे वहां धार्मिक मंदिर हैं, मैं कह सकता हूं कि सभी अल्पसंख्यकों के लोग एक साथ सद्भाव में रहते हैं। मैंने इसे व्यक्तिगत रूप से देखा है।”


ऑस्ट्रेलिया के एंग्लिकन चर्च के बिशप फ़िलिप जेम्स हगिन्स ने कहा कि सद्भावना कार्यक्रम में दोस्ती और प्यार की भावना थी। उन्होंने कहा, “भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंध पीएम मोदी के नेतृत्व में ही खिले हैं। हमने हाल ही में दोनों देशों के बीच क्रिकेट डिप्लोमेसी देखी है। भारतीय लोकतंत्र की एक सुंदर विशेषता एक दूसरे के त्योहारों और अनुष्ठानों में विभिन्न समुदायों की समावेशी भागीदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक साथ रहना और प्रगति करना आसान बनाती है और भारत आध्यात्मिक और धर्मनिरपेक्ष दोनों है।”

एनआईडी फ़ाउंडेशन के संस्थापक सतनाम सिंह संधू ने इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विभिन्न समुदायों और धर्मों के लोग सदियों से भारत में रहते आये हैं और हम सभी सांप्रदायिक सद्भाव में विश्वास करते हैं।उन्होने कहा, “गुरु ग्रंथ साहिब धार्मिक सद्भाव और एकता का सबसे अच्छा उदाहरण है। क्योंकि इसमें न केवल नौ सिख गुरुओं की शिक्षाये हैं, बल्कि पंद्रह भगतों और 11 भट्टों की शिक्षाये भी हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत पिछले नौ वर्षों में एक विकसित राष्ट्र बनने के रास्ते पर तेज़ी से आगे बढ़ा है और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। कई अन्य देशों की तरह भारत में सभी समुदाय पूर्ण स्वतंत्रता का आनंद लेते हैं और उन्हें बिना किसी जाति, पंथ या धर्म के भेदभाव के सभी तरह के अवसर दिए जाते हैं और पीएम मोदी के नेतृत्व में सुरक्षित महसूस करते हैं।नरेंद्र मोदी स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील पीएम हैं।”

उन्होंने मोदी सरकार की तारीफ़ करते हुए कहा कि देश में पिछले 9 साल में हुए विकास कार्य और उससे पहले के 65 साल में किए गये काम में स्पष्ट अंतर दिखता है।

बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के प्रतिनिधि ब्रह्म स्मरण दास ने कहा, “अंतर-विश्वास सद्भाव हमारे युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है, जिसे वैश्विक परिवर्तन के लिए व्यक्तिगत परिवर्तन के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। जब शांति, सम्मान और स्वीकृति का संदेश हर व्यक्ति तक पहुंचेगा, तब पूरा विश्व एक हो जाएगा।

विक्टोरिया के हिंदू मंदिर के श्रीनिवासन ने कहा, “विश्व सद्भावना ने विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों को एक ऐसे आम मंच पर ले लाया है, जो सार्वभौमिक शांति, एक परिवार, एक दुनिया और एक भविष्य में विश्वास करते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि पिछले 9 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने काम के माध्यम से भारत और भारतीयों की वैश्विक छवि को ऊपर उठाने के लिए काम किया है, और दुनिया अब भारत को अवसरों के स्थान के रूप में पहचानती है।

बीएपीएस ट्रस्टी ऑस्ट्रेलिया सीतेश भोजानी ने कहा, ‘पीएम मोदी भारत को एक देश के तौर पर ही नहीं जोड़ रहे, बल्कि वह पूरी दुनिया को एक परिवार की तरह ले रहे हैं। उन्होंने देश की वैश्विक छवि को बदलतक कथ दिया है और भारतीय संस्कृति, विधियों और सभ्यताओं को योग के माध्यम से फैलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है, जिसे आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से 120 देशों में मनाया जाता है।”

हिंदू काउंसिल ऑस्ट्रेलिया के सदस्य अभिजीत भिडे ने कहा, “सद्भावना जैसे कार्यक्रम दुनिया भर में हो रही असामाजिक और भारत विरोधी घटनाओं का मुक़ाबला कर सकते हैं, जहां विभिन्न समुदायों के धार्मिक नेता उनके संबंधित समुदाय के लोगों की ख़ातिर सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश देने के लिए एक मंच पर एक साथ आ सकते हैं।”

संक्षेप में किसने क्या कहा:

ऑस्ट्रेलियाई सांसद जेसन वुड ने की सभी समुदायों का सम्मान करने की पीएम मोदी के कौशल की सराहना

मेलबर्न में हुए कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तानी नागरिकों ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में सभी समुदायों के लोग सुरक्षित और प्रगतिशील माहौल में रह रहे हैं।

सतनाम सिंह संधू का कहना है कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में नरेंद्र मोदी सबसे प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष पीएम हैं

राजदूत मनप्रीत वोहरा का कहना है कि वैश्विक मुद्दों पर भारत की आवाज़ को अब महत्व दिया जा रहा है

ऑस्ट्रेलिया में आयोजित सद्भावना कार्यक्रम में विभिन्न समुदायों के धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं ने भाग लिया

 

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