फारस की खाड़ी में स्थित देशों के शक्ति संतुलन में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। ऐसे में संयुक्त अरब अमीरात ने यह ऐलान किया है कि वह अमेरिकी नौसेना के नेतृत्व वाले टास्क फोर्स में शामिल नहीं होगा। इस गठबंधन में शामिल देश खाड़ी में जहाजों की सुरक्षा करते हैं। यूएई इस बात से भड़का हुआ है कि ईरान (Iran) ने हाल ही में उसके टैंकर को जब्त कर लिया था और अमेरिका ने कुछ नहीं किया। अमेरिका का 38 देशों का टास्क फोर्स बहरीन स्थित नेवल बेस से ऑपरेट करता है। इस बीच ईरान ने ऐलान किया है कि वह खाड़ी में एक नया गठबंधन बनाने जा रहा है जिसमें वह खाड़ी के 3 देशों के साथ-साथ भारत और पाकिस्तान की नौसेनाओं को भी शामिल करेगा।
वहीं ईरानी नौसेना के कमांडर ने कहा कि उनका देश और सऊदी अरब तथा खाड़ी के 3 अन्य देश एक नौसैनिक गठबंधन बनाने की योजना बना रहे हैं। ईरानी मीडिया ने शनिवार को बताया कि इसमें भारत और पाकिस्तान की नौसेनाओं को भी शामिल किया जाएगा। ईरानी नौसेना के कमांडर शहराम ईरानी ने कहा, ‘इस क्षेत्र के देश आज समझ चुके हैं कि केवल एक-दूसरे से सहयोग ही इलाके में सुरक्षा ला सकता है।’ उन्होंने यह नहीं बताया कि यह ईरानी नौसैनिक गठबंधन किस तरह का होगा।
इसके अलावा व्यापार, अर्थव्यवस्था और निवेश को लेकर भी पूर्व में हुए समझौतों पर फिर से पालन शुरू हो गया है। पाकिस्तान ने ईरान और सऊदी अरब के बीच सामान्य हुए संबंधों का स्वागत किया है। ईरानी नौसेना के कमांडर ने कहा कि इस नौसैनिक गठबंधन में यूएई, बहरीन, कतर, इराक, पाकिस्तान और भारत को शामिल किया जाएगा। सऊदी अरब के ईरान (Iran) से दोस्ती करने पर इजरायल भड़का हुआ है जो तेहरान को राजनयिक रूप से काटना चाहता है। यूएई ईरान और इजरायल दोनों से ही अपने रिश्ते मजबूत कर रहा है।
विश्लेषकों का कहना है कि ईरान चाहता है कि अमेरिकी गठबंधन में शामिल देश हिंद महासागर में उसके साथ भी मिलकर काम करें। ईरान इससे पहले रूस और चीन की नौसेना के साथ मिलकर काम कर चुका है। वह अब चाहता है कि यूएई के अमेरिकी गठबंधन से निकलने का फायदा उठाया जाए।