इस वक्त दुनिया के कई देशों में जंग के हालात देखने को मिल रहे हैं। इधर रूस यूक्रेन पर लगातार हमले जारी रखे हुए है और अब तो रूसी सेना भारी मात्रा में यूक्रेन के शहरों पर मिसाइलें दाग रही है और कब्जा की पूरी कोशिश कर रही है। इस बीच रूस और यूक्रेन युद्ध में ड्रोन एक बेहद अहम हथियार के रूप में उपयोग हो रहा है। वैसे दावा तो यह भी किया जा रहा है कि ईरान रूस को विनाशकारी ड्रोन दे रहा है जिसे वह कीव सहित अन्य यूक्रेनी शहरों के खिलाफ कर रहा है। यूक्रेनी सैन्य खुफिया जानकारी के मुताबिक ईरान 200 से अधिक लड़ाकू ड्रोन रूस को भेजने की तैयारी में जुटा हुआ है। इनमें से एक Arash-2 भी है जिसे ईरानी सेना ‘दुनिया में सबसे लंबी दूरी वाले अटैक ड्रोन में से एक मानती है। हालांकि ईरान प्रत्यक्ष रूप से रूस की मदद करने से साफ़ माना करता है। मगर पिछले कई हमलों में यूक्रेनी सैनिकों ने घटनास्थल से, शहीद-136 जैसे आत्मघाती ईरानी ड्रोन का मलबा बरामद किया है।
यूक्रेन में मिला ईरानी शहीद-136 का मलबा
डिफेंस इंटेलिजेंस ऑफ यूक्रेन, जो यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय का हिस्सा है, ने कहा कि नवंबर की शुरुआत में ईरान से रूस को 200 से अधिक लड़ाकू ड्रोन भेजने की योजना है जिनमें Shahed-136, Mohajer-6 और Arash-2 शामिल हैं। खुफिया एजेंसी ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में कहा कि यूएवी (Unmanned Aerial Vehicles) को ‘कैस्पियन सागर से होते हुए अस्त्रखान के बंदरगाह तक पहुंचाया जाएगा।’ एजेंसी ने कहा कि ड्रोन को ‘अलग-अलग हिस्सों’ में भेजा जा रहा है और एक बार रूसी क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद इन्हें ‘जोड़ा जाएगा, दोबारा पेंट किया जाएगा और इन पर रूसी निशान बनाए जाएंगे।
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शहीद-136 से पांच गुना ज्यादा ताकतवर
अमेरिकी पत्रकार सीएनएन की क्लेरिसा वार्ड ने कहा कि Arash-2 की तैनाती यूक्रेन युद्ध में ‘गेम चेंजर’ साबित हो सकती है। यह ‘शहीद ड्रोन की तुलना में पांच गुना अधिक विस्फोटक ले जा सकता है’। सितंबर के आखिर में ईरानी टीवी पर बोलते हुए ईरान के ब्रिगेडियर जनरल किओमार्स हैदरी ने कहा था कि Arash-2 की रेंज 2000 किमी है, जो इसे दुनिया के सबसे लंबी दूरी वाले अटैक ड्रोनों में से एक बनाता है। हालांकि ईरानी सैन्य अधिकारियों का ईरान में बनाए जाने वाले हथियारों की क्षमता को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का इतिहास रहा है।
जेट प्रोपल्शन के साथ उड़ता है Arash-2
शहीद-136 (HESA Shahed 136) के शोर करने वाले प्रोपेलर (पंखों) के विपरीत, दावा किया जाता है कि Arash-2 तेज रफ्तार वाले जेट प्रोपल्शन का इस्तेमाल करता है। तेज रफ्तार के चलते इसे मार गिराना न सिर्फ मुश्किल होता है बल्कि इससे इसकी रेंज भी बढ़ जाती है। हालांकि ईरानी मीडिया की ओर से जारी की गई कुछ तस्वीरों में इसके पीछे एक प्रोपेलर को देखा जा सकता है। यूक्रेन के एयर डिफेंस बलों का कहना है कि सितंबर 13 के बाद से वे 300 से अधिक ड्रोन को मार गिरा चुके हैं।