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एक और नई जंग के लिए तैयार रहे दुनिया,इन दो देशों के बीच हालात हुए खौफनाक

कोसोवो को लेकर नाटो और सर्बिया में तनाव

Kosovo Serbia Conflict NATO: यूक्रेन युद्ध के बीच अब यूरोप में एक और विवाद तेज होता जा रहा है। जी हां, यूक्रेन युद्ध के बीच यूरोप में एक और विवाद तेज होता जा रहा है। इस बीच कोसोवो में सर्बिया के प्रदर्शनकारियों के हमले में नाटो के 30 शांतिरक्षक सैनिक घायल हो गए हैं। अब नाटो ने फैसला किया है कि वह 700 अतिरिक्‍त सैनिकों को भेजने जा रहा है। अभी नाटो के 3800 शांतिरक्षक सैनिक कोसोवा में तैनात हैं। नाटो (NATO) के महासचिव जेंस स्‍टोल्‍टेनबर्ग ने कहा कि हमने पश्चिमी बाल्‍कन के लिए 700 और सैनिक तैनात करने जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो अतिरिक्‍त रिजर्व बटालियन को हाई अलर्ट पर रखेंगे ताकि उन्‍हें तत्‍काल तैनात किया जा सके।

बता दें, एक बटालियन में आमतौर पर 300 से लेकर 1000 सैनिक होते हैं। नाटो के कमांडर एडमिरल स्‍टुअर्ट मुन्‍स्‍च ने कहा कि अतिरिक्‍त सैनिकों की तैनाती एक सही फैसला है ताकि सुरक्षा को मजबूत किया जा सके। नाटो ने कहा है कि हंगरी और इटली के 30 शांतिरक्षक सैनिक घायल हो गए हैं। इन सैनिकों को फैक्‍चर हुआ है और आगजनी की वजह से वे बुरी तरह से घायल गए हैं। कोसोवो में साल 1998 से ही विवाद चल रहा है।

सर्बिया ने अपनी सेना को सर्वोच्‍च अलर्ट पर किया

इस विद्रोह के खिलाफ सर्बिया ने बहुत क्रूर अभियान चलाया। इस हिंसा में 13 हजार लोग मारे गए जिसमें ज्‍यादातर लोग अल्‍बानिया के थे। इसके बाद नाटो की सेना ने साल 1999 में हस्‍तक्षेप किया और सर्बिया को कोसोवो के इलाके से पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। इसके बाद वहां पर शांतिरक्षक सैनिकों की तैनाती की गई। सर्बिया ने कोसोवो को देश बनाए जाने को मान्‍यता देने से इंकार कर दिया है।

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ताजा विवाद उस समय शुरू हुआ जब अल्‍बानिया मूल के अधिकारी चुनाव में चुने गए जिसका सर्बिया के लोगों ने पूरी तरह से बायकॉट किया था। ये अधिकारी जब म्‍यूनिंश‍िपल बिल्डिंग में घुसे तब सर्बिया के लोगों ने उसका विरोध किया। इसके बाद कोसोवो की पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे ताकि भीड़ को तितर बितर किया जा सके। इसके जवाब में अब सर्बिया ने अपनी सेना को सर्वोच्‍च अलर्ट पर कर दिया है। यही नहीं सर्बिया ने भारी तादाद में नए सैनिकों को कोसोवो की सीमा पर भेजा है। सर्बिया को चीन और रूस का साथ मिल रहा है। चीन ने कई घातक हथियार सर्बिया को दिए हैं।