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‘बरेलवी’ तहरीक-ए-लब्बैक TLP को हिंदुस्तान के आतंकी बताकर सीधे गोली मार रही है Imran Khan की फौज!

तहरीक-ए-लब्बैक TLP इमरान की नाक में किया दम

पाकिस्तान में तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी का इस्लामाबाद लॉंग मार्च अब इमरान सरकार के लिए नई मुसीबत बन चुका है। इमरान सरकार के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बीते दिन एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि सरकार तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी को सियासी जमात नहीं बल्कि आतंकवादी गिरोह है। फवाद चौधरी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी को हिंदुस्तान से मदद मिल रही है।

पाकिस्तानी सूचना मंत्री फवाद हुसैन ने मीडिया से कहा है कि तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी हिंदुस्तान के एजेंडे पर काम कर रही है। TLP (तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी) बरेलवी फिरके यानी आलाहजरत के मुरीद हैं। पाकिस्तान सरकार का आरोप  है कि बरेलवी फिरका इंडिया में मोदी-योगी को सपोर्ट करता है। बरेली (यूपी-इंडिया) में बैठे अपने कायदीन के इशारे पर TLP (तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी)  पाकिस्तान में बवाल कर रही है। इसलिए TLP (तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी) के  साथ आतंकियों जैसा बर्ताव किया जाएगा। ध्यान रहे, पाकिस्तान की सरकार और अधिकांश मीडिया वाले तहरीक-ए-लब्बैक को बरेलवी जमात न कह कर 'एक मजहबी जमात' के नाम से संबोधित हैं।

‘लब्बैक’ के लॉंग मार्च को मिल रहे पाकिस्तान की स्थानीय पब्लिक के सहयोग को फवाद चौधरी ने झूठा प्रोपेगंडा बताया और कहा कि इनको सिर्फ भारत फण्डिंग कर रहा है। हालांकि फवाद चौधरी अपने इस दावे के समर्थन में कोई भी साक्ष्य पेश नहीं कर सके। कहा तो यह भी जा रहा है कि तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी को न केवल स्थानीय लोगों का व्यापक समर्थन मिल रहा है बल्कि पुलिस और सुरक्षाबलों से भी समर्थन मिल रहा है। यही वजह है कि तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के लॉंग मार्च को रोकने के लिए इमरान सरकार ने अभी तक जो भी इंतजाम किए हैं वो सभी नाकाम हो गए हैं।

तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के लॉंग मार्च को रोकने के लिए जीटी रोड पर खंदकें खोद दी गई हैं। इंटरजंक्शंस को कंटेनर्स लगाकर सील कर दिया गया है। इसके बावजूद तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी का लॉंग मार्च गुजरावालां टाउन पहुंचने वाला है। यहां से इस्लामाबाद की दूरी लगभग 70-75 किलोमीटर रह जाती है। तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के लॉंग मार्च को सफल होता देख इमरान खान ने कल शाम (27 अक्टूबर को) रेंजर्स को सड़कों पर उतार दिया है। रेंजर्स के फायरिंग स्क्वायड उन सभी रास्तों और मुहानों पर तैनात कर दिए हैं जहां से तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के कारकून इस्लामाबाद की ओर बढ़ सकते हैं।

ध्यान रहे, फ्रांस के राजदूत को इस्लामाबाद से निकालने की मांग को लेकर तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी ने इसी साल अप्रैल में उग्र प्रदर्शन किए थे। इसी दौरान पाकिस्तान सरकार ने 12 अप्रैल 2021 को टीएलपी के अमीर साद रिज्वी को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था। उनके साथ लगभग 700 अन्य कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया गया था। इन सभी पर देशद्रोह और आतंकी गतिविधियों की धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए थे। पाकिस्तान की सरकार ने तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी को प्रतिबंधित संगठन की श्रेणी में भी नामजद कर दिया था। जब तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी ने उग्र प्रदर्शन जारी रखे तो इमरान सरकार तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के साथ समझौता किया कि वो उनके नेता साद रिज्वी सहित कार्यकर्ताओं को रिहा कर देगी और फ्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से निकालने के लिए नेशनल असेंबली में प्रस्ताव लाएगी।

छह महीने का समय बीत जाने के बावजूद इमरान सरकार ने समझौते की एक भी शर्त पूरी नहीं की। इसलिए एक बार फिर 22 अक्टूबर 2021 को तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी ने लाहौर स्थित अपने मुख्यालय रहमतउल्लाह आलमीन से लॉंग मार्च शुरु किया था। इसी बीच इमरान अपनी पत्नी बुशरा बीबी की बेटी का निकाह कराने के लिए मदीना चले गए। उनके पीछे शेख रशीद ने तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के आगे लगभग समर्पण करते हुए लगभग 400 कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया।

शेख रशीद ने दो दिन की मोहलत मांगते हुए पीएम इमरान खान के वापस लौटने तक तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी को मुरीदके में ही रुकने का आग्रह किया। तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी ने शेख रशीद के आग्रह को मान लिया। दो दिन बीतने और इमरान खान के वापस आने के बाद भी तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के साथ हुए मुहायदे पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके उलट तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी पर सख्त एक्शन का ऐलान कर दिया गया। तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी को टेररिस्ट ऑर्गेनाईजेशन घोषित कर दिया गया। उनके लॉंग मार्च को रोकने के लिए रेंजर्स की फौज उतार दी गई। उन पर हेलिकॉप्टर से गोलियां बरसाई गईं।

पाकिस्तान की इमरान सरकार ने तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी से संबंधित खबरों को प्रकाशित-प्रसारित करने पर पूरी तरह रोक लगा दी। सरकार ने सोशल मीडिया पर चल रही खबरों पर रोक लगा दी है। यू ट्यूब और ट्वीटर अपडेट देने वालों को ढूंढ कर जेलों में ठूंसा जा रहा है। 27 अक्टूबर 2021 की शाम के बाद से यू ट्यूब से सैकड़ों ऐसे वीडियो गायब हो गए हैं जिन पर तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी पर पुलिस और सुरक्षाबलों की कार्रवाई जानकारी दी गई थी। हालात ये हैं कि जो अपडेट के नाम पर न तो कुछ यू ट्यूब पर कुछ है न ट्वीटर पर ही कुछ नया है। अपुष्ट सूत्रों और कुछ अनवेरिफाइड यू ट्यूब अकाउंट्स ने दावा किया है कि तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के कारकूनों पर सीधी फायरिंग की है।