Pakistan Nuclear Bomb: वो कहते हैं न रस्सी जल गई, लेकिन बल नहीं गया। ये कहावत पाकिस्तान के ऊपर एकदम फिट बैठती है। एक तरफ पाकिस्तान सरकार दुनियाभर में कटोरा लेकर भेख मांग रही है, लेकिन उसके जहरीले मौलाना जहर उगलने से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान के मौलाना उस भिखारी की तरह बर्ताव कर रहे हैं, जिसे भीख न मिले तो वह बद्दुआ देने लगता है। इसी तरह के एक मौलाना का नाम है साद रिजवी। कट्टरपंथी इस्लामी नेता साद रिजवी (Hafiz Saad Hussain Rizvi) , पूर्व में प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पार्टी का प्रमुख है। हाल ही में एक बयान दिया है, जिसमें वो दुनिया को परमाणु बम से डराने की बात कह रहा है। मौलाना साद चाहता है कि पाकिस्तान अब भिखारी बनने की जगह डाकू बन जाए और अन्य देशों को डरा कर लूटना शुरू कर दे।
यही नहीं मौलाना साद इतने में ही चुप नहीं बैठा कहा कि वह पाकिस्तान सरकार कमजोर है। उसने कहा, तुम (सरकार) प्रधानमंत्री और आर्मी चीफ समेत तमाम कैबिनेट को अपने साथ ले जाते हो, ताकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बचाया जा सके। तुम दुनिया के हर दरवाजे पर भी मांगते हो। कोई देता है तो कोई नहीं देता, कोई अपनी शर्त लागू करता है।
परमाणु बम का बक्सा लेकर निकलो
रिजवी इतने में ही शांत नहीं रहा आगे कहा, तुम (सरकार) एक बार अपने दाएं हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में एटम बम का बक्सा लेकर कैबिनेट के साथ निकलो। सारी दुनिया तुम्हारी कदमों में न आई तो मेरा नाम बदल देना।’ रिजवी ने यह बातें तब कही जब वह स्वीडन में कुरान जलाने पर पाकिस्तानी सरकार की आलोचना कर रहा था। साद रिजवी ने कहा, ‘पाकिस्तानी सरकार का रिस्पॉन्स बहुत कमजोर रहा। सरकार उन्हें सबक सिखाने में नाकाम रही, जिन्होंने पवित्र किताब को जलाया।
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मौलाना साद रिजवी कौन है?
मौलाना साद रिजवी तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान पार्टी का अध्ययक्ष है। इसके पिता खादिम हुसैन रिजवी भी पार्टी के अध्यक्ष रहे हैं। लेकिन इमरान खान की सरकार के दौरान उनका आकस्मिक निधन हो गया। पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद साद रिजवी पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून न खत्म करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने लगा। इसके साथ ही उसने फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने के खिलाफ पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन किया। लाखों की संख्या में उसके साथ लोग जुड़े।