अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की अटेंशन पाने के लिए नॉर्थ कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन कई तरह के पैंतरे अजमा रहे है। ऐसे में वो दुनिया को खतरे में डालने से भी परहेज नहीं कर रह है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया जल्द ही एक और न्यूक्लियर टेस्ट करने जा रहा है। इस देश ने आखिरी टेस्ट पांच साल पहले यानी 2017 में किया था। इस साल की शुरुआत से ही उत्तर कोरिया लगातार मिसाइलों का टेस्ट कर रहा है। अब एक बार फिर से उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट कर पश्चिमी देशों को दहला दिया है।
उत्तर कोरिया ने आज गुरुवार को समुद्र की ओर कम से कम एक संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। बैलिस्टिक मिसाइल को लेकर उत्तर कोरिया के पड़ोसी देशों की सेनाओं का कहना है कि वह जाहिर तौर पर अपनी हथियार प्रणाली की क्षमता बढ़ना चाहता है यह सिलसिला उसके सबसे बड़ी अंतरमहाद्वीपीय बैलेकिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण करने के बाद ही पूरा होगा। हालांकि दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने तत्काल यह नहीं बताया कि प्रक्षेपण किसका किया गया या उसने कितनी दूर तक उड़ान भरी। दूसरी ओर, जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया ने संभवत: बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया है। माना जा रहा है कि यह इस साल उत्तर कोरिया का 12वां प्रक्षेपण था। पिछले रविवार को भी उत्तर कोरिया ने समुद्र में संदिग्ध गोले दागे थे।
रक्ष विशेषज्ञों की माने तो, उत्तर कोरिया अपने शस्त्रागार को आधुनिक बनाने के लिए तेजी से कार्रावई कर रहा है और ठप पड़ी परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता के बीच अमेरिका पर रियातें देने के लिए इसके जरिए दबाव डालाना चाहता। उत्तर कोरिया ने हाल के हफ्तों में अपने राजधानी क्षेत्र के पास से दो मध्यम-दूरी के परीक्षण किए हैं। अमेरिका तथा दक्षिण कोरियाई सेनाओं ने बाद में बताया था कि इसमें उत्तर कोरिया के सबसे बड़े आईसीबीएम अर्थात अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र (ह्वासोंग-17) के घटक शामिल थे। बताते चलें कि, पिछले रविवार को उत्तर कोरिया ने समुद्र में गोले दागे थे। दक्षिण कोरिया की सेना ने इस संबंध में जानकारी दी थी।