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इमरान को तो उखाड़ फेंका मगर सरकार कैसे चलाएं शहबाज, खजाना तो खाली है, श्रीलंका जैसा होने वाला पाकिस्तान का हाल

इमरान ने पाकिस्तान को भिखारी बना डाला! File GFX Courtesy: Pakistan Today

इमरान को सत्ता से उखाड़ फेंकने की खबरों के बाद पाकिस्तान की इकोनॉमी में सुधार के संकेत मिले थे। डॉलर की कीमत गिरी थी और स्टॉक एक्सचेंज में अच्छा कारोबार चला। नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सरकारी कर्मचारियों और अफसरों की सेलरी और पेंशन में बढ़ोतरी कर वाह-वाही भी लूटी लेकिन दूसरे दिन ही हफ्ते में 60 घण्टे काम का ऐलान कर सबको चौंका दिया।

अब हालात यह हैं कि शहबाज शरीफ के अफसर विदेशों से पैसा और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओँ की चौखटों पर नाक रगड़ रहे हैं लेकिन मुल्क चलाने के लिए पैसा नहीं मिल रहा है। चीन पहले ही इतना कर्ज दे चुका है कि उसका ब्याज भी पाकिस्तान नहीं दे पा रहा है। हालात यह हो गए हैं कि अब किसी भी समय पाकिस्तान के हालात श्रीलंका जैसे हो सकते हैं। हालात को कुछ दिन और आगे टालकर चुनावों का ऐलान करने की रणनीति पर चल रही शहबाज सरकार ने बिजली और पेट्रोल-डीजल पर दी जा रही सब्सिडी वापस लेने जा रही है।

ध्यान रहे जब पीएम इमरान खान को अहसास हुआ कि सत्ता में बने रहना मुशिकल है और चुनाव कराने पड़ सकते हैं तो उन्होंने वोट बैंक बढ़ाने के लिए पेट्रोल और बिजली दरों में कटौती की घोषणा की थी। इससे हुआ ये कि पाकिस्तान सरकार पर 373बिलियन डॉलर का बोझ बढ़ गया है। इससे चल रहे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष बचाव कार्यक्रम को भी खतरे में डाल दिया। यह जानकारी पाकिस्तान सरकार के टॉप अधिकारी ने दी है।

पाकिस्तान सरकार के वित्त सचिव हमीद याकूब शेख ने मीडिया को बताया कि अवाम को किसी भी तरह के राहत पैकेज से राजकोष के घाटे में इजाफा होगा जिसे हम फिलहाल वहन नहीं कर सकते हैं।

पाकिस्तान की बेहाल इकॉनमी और सब्सिडी से निपटने के लिए शाहबाज शरीफ ने अपनी आर्थिक टीम से लंबी बातचीत की है। सभी ने शहबाज को सलाह दी है कि पॉवर और पेट्रोलियम में दी जा रही सब्सिडीसे राहत मिल सकती है, लेकिन यह कदम शहबाज सरकार के तपते लोहे की सलाखों पर चलने के बराबर है। लगभग 190 रुपये से गिर कर डॉलर 183-184 रुपये तक पहुंचा जरूर है लेकिन इससे पाकिस्तान सरकार को कोई खास फायदा होता नहीं दिख रहा है।