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कंगाल Pakistan का अब परमाणु खज़ाना भी संकट में, जानिए दूसरे देशों को कैसे होगा इससे फ़ायदा?

कंगाल Pakistan का अब परमाणु खज़ाना भी संकट में

पाकिस्तान (Pakistan) कुछ समय से मुश्किलों से घिरा हुआ है। वह आर्थिक संकट की चौतरफ़ा मार झेल रहा है। इसी के साथ साथ उसके अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध भी बेहद ख़राब हो गए हैं। देश में इस संकट के कम होने के आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैं। अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रकोष  के अलावा कुछ देश जैसे सऊदी अरब, चीन और यूएई भी अब इस संकट को कम करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। वहीं भारत के लिए सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्‍या पाकिस्‍तान (Pakistan) में मौजूद हालात, उसके साथ रिश्‍तों को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ विशेषज्ञों की मानें तो पाकिस्तान (Pakistan) बुरी तरह संकट में है और आज उसका भविष्य अंधेरे में नजर आ रहा है। मगर कुछ समय बाद उसके ठीक होने और स्थिर होने की संभावना है।

Pakistan का अब परमाणु खज़ाना भी संकट में

एक और आम चिंता पाकिस्तान के परमाणु हथियार हैं। इस तरह की कठिनाइयों से गुजर रहा एक परमाणु-सशस्त्र देश चिंता पैदा करता है। इस बात की बहुत कम आशंका है कि परमाणु हथियारों से पाकिस्तान की कोई भी राजनीतिक मंशा सफल हो पाएगी। जाहिर सी बात है कि घरेलू राजनीतिक विवादों को निपटाने के लिए वह परमाणु हथियारों का प्रयोग नहीं कर सकता है। इस बात की आशंका भी न के बराबर है कि वह भारत को इससे निशाना बनाकर अपने संकट का कोई समाधान निकाल सके।वहीं इस बात की भी चिंता है कि पाकिस्‍तान में मौजूद आतंकी परमाणु हथियारों पर अगर नियंत्रण हासिल कर लेंगे तो क्‍या होगा। ये ऐसे लोग हैं जिनका कोई राजनीतिक उद्देश्‍य नहीं है। ऐसे में यह भी साफ नहीं है कि वो परमाणु हथियारों के साथ क्या करेंगे। जाहिर है, कुछ ऐसे आतंकी संगठन हैं जिनके पास इस तरह के लाखों हथियार हो सकते हैं। इसके अलावा, परमाणु हथियार पाकिस्तानी सेना के लिए काफी कीमती हैं। ऐसे में वह इनकी रक्षा के लिए पूरी जी जान लगा देगी।

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पाकिस्तान के मौजूदा संकट से भारत को कुछ फायदा हो सकता है। फिलहाल भारत पर आतंकवादी और पारंपरिक युद्ध का खतरा कुछ समय के लिए टल गया है। पारंपरिक युद्ध का खतरा कम होना काफी अहम है क्‍योंकि भारत पर दो मोर्चों की तरफ से सीमा की सुरक्षा का दबाव है। एक तरफ तो चीन है तो दूसरी तरफ पाकिस्‍तान। पाकिस्तान की मौजूदा घरेलू राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियां ऐसी हैं जो उनके सैन्य या राजनीतिक नेताओं को जोखिम भरे फैसले लेने से रोकेंगी।