राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पक्षपातपूर्ण रुख अपनाये बिना विश्व समुदाय से यूक्रेन-रूस संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक ऐसा समाधान खोजने का आग्रह किया है, जो सभी पक्षों को स्वीकार्य हो।
इंडिया नैरेटिव को पता चला है कि संघर्ष पर जेद्दा सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान NSA डोभाल ने बताया कि कई शांति प्रस्तावों के बावजूद, जिनमें कई सकारात्मक बिंदु थे, उनमें से कोई भी सभी पक्षों को स्वीकार्य नहीं था। इसलिए उन्होंने प्रतिभागियों को एक ऐसा समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया, जो सभी संबंधित पक्षों को स्वीकार्य हो, जिसका अर्थ है कि पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण काम नहीं करेगा।
डोभाल ने संघर्ष को समाप्त करने के लिए भारत के मूल दृष्टिकोण,यानी केवल संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांत के सम्मान पर आधारित बातचीत के आधार पर समाधान ढूंढने पर भी प्रकाश डाला।
संघर्ष समाप्त करने की तात्कालिकता की ओर इशारा करते हुए डोभाल ने कहा कि पूरी दुनिया और विशेष रूप से ग्लोबल साउथ को इस स्थिति का खामियाजा भुगतना पड़ा है। भारत यूक्रेन को मानवीय सहायता और ग्लोबल साउथ में अपने पड़ोसियों को आर्थिक सहायता दोनों प्रदान कर रहा है।
उन्होंने कहा कि बैठक में दोहरी चुनौती-स्थिति का समाधान और संघर्ष के परिणामों को नरम करने का सामना करना पड़ा। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि प्रयास दोनों मोर्चों पर एक साथ होने चाहिए और इसे सुनिश्चित करने के लिए और अधिक ज़मीनी काम करने की ज़रूरत है।
उनकी टिप्पणियां इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वैश्विक दक्षिण में भोजन भेजने का अनाज सौदा विफल हो गया है, जिससे कई ग़रीब देशों में बड़े पैमाने पर खाद्य संकट पैदा हो गया है।
भारत के समर्थन का वादा करते हुए NSA डोभाल ने ज़ोर देकर कहा कि नई दिल्ली इस संकट का अंतिम और व्यापक समाधान खोजने के लिए एक सक्रिय और इच्छुक भागीदार बना रहेगा।
हालांकि, रूस ने सम्मेलन में भाग नहीं लिया, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन सहित 40 देश इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।