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Pakistan में हाहाकार! पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक बार फिर लगी आग, क्या कीमतों में इज़ाफ़े के पीछे रूस?

पाकिस्तान (Pakistan) आर्थिक संकट की मार झेल रहा है। महंगाई के चलते अवाम खून के आंसू रो रही है। ऐसे में उन पर एक और महंगाई बम फूटने वाला है। जी हाँ, पाकिस्तान में नई सरकार बनने के बाद इस बात की उम्मीद जताई जा रही थी कि आवाम को महंगाई से कुछ राहत मिलने वाली है। हालांकि, ऐसा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। इसकी वजह ये है कि मंगलवार को पाकिस्तान में कार्यवाहक सरकार पेट्रोलियम की नई कीमतों का ऐलान करने वाली है। इससे बुधवार यानी 16 अगस्त से पेट्रोल-डीजल की कीमतें और भी ज्यादा हो जाएंगी।

जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पेट्रोल की कीमतों में 15 रुपये लीटर का इजाफा किया जाने वाला है। जबकि डीजल की कीमतें 20 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ने वाली हैं। पेट्रोलियम की कीमतें बढ़ाने के पीछे ग्लोबल मार्केट में बढ़ी कीमतों का तर्क दिया गया है। क्रूड ऑयल की कीमतें 5 डॉलर प्रति बैरल बढ़कर 91 डॉलर प्रति डॉलर हो गई हैं, जबकि क्रूड ऑयल पर 2 डॉलर प्रति बैरल का अलग से प्रीमियम चार्ज भी लगता है।

अभी कितनी हैं कीमतें?

कहा गया है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें ग्लोबल मार्केट में 5 डॉलर प्रति बैरल बढ़कर 97 डॉलर प्रति बैरल से 102 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई हैं। अगर अभी की कीमतों की बात करें, तो पाकिस्तान में पेट्रोल 272.95 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल 273.40 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 15 दिन पहले ही 19 रुपये प्रति लीटर की दर से इजाफा किया गया था।

क्या कीमतों में इज़ाफ़े के पीछे रूस?

दरअसल, पाकिस्तान (Pakistan) ने रूस से आयात किए जाने वाले क्रूड ऑयल की सप्लाई को सस्पेंड कर दिया है। इसकी वजह ये है कि जब क्रूड ऑयल को रिफाइन किया जा रहा था, तो इसमें से पेट्रोल की तुलना में फर्नेस ऑयल (तेल से निकलने वाला कचरा) ज्यादा निकल रहा था। पाकिस्तान ने जैसे ही रूसी तेल के आयात को सस्पेंड करने का फैसला किया, वैसे ही इस बात को लेकर हलचल मच गई कि अब कीमतें बढ़ने वाली हैं।

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यहां हैरानी वाली बात ये है कि पाकिस्तान ने आज तक इस बात का खुलासा नहीं किया है कि वह कितनी सस्ती दरों पर रूस से तेल खरीद रहा था। अरब देशों से मिलने वाले तेल के मुकाबले रूसी तेल में ज्यादा कचरा निकलता है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल की बढ़ने वाली कीमतों के पीछे रूस से तेल की सप्लाई बंद होना हो सकता है। बढ़ी कीमतों का असर बाकी की चीजों पर भी पड़ने वाला है।