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पहली बार Pakistan Army Chief ‘मुल्‍ला जनरल’, सेना बन जाएगी इस्लामिक कट्टरपंथी

पाकिस्तानी(Pakistan) सेना प्रमुख असीम मुनीर

Pak Army Chief Asim Munir Islam: पाकिस्‍तान की शहबाज शरीफ सरकार ने नए आर्मी चीफ की तैनाती कर दी है। शहबाज शरीफ ने उन्हीं को आर्मी चीफ बनाया है जिससे इमरान खान सबसे ज्यादा चिढ़ते थे। क्योंकि, इमरान खान के पत्‍नी बुशरा बीबी के भ्रष्‍टाचार की पोल खोलने वाले लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर (Pak Army Chief Asim Munir Islam) ही हैं। जो नये आर्मी चीफ नियुक्त किये गये हैं। इस्लाम के नाम पर भारत से अलग होने के बाद पाकिस्तान में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक ऐसे शख्स को देश के सबसे शक्तिशाली कुर्सी पर बैठाया है गया है जिसे ‘मुल्ला जनरल’ (Pak Army Chief Asim Munir Islam) के नाम से जाना जाता है। पाक आर्मी चीफ के नियुक्ति के बाद विशेषज्ञों ने इंडिया को पाकिस्तानी सेना में इस्लामिक कट्टरपंथ से सतर्क रहने के लिए आगाह किया है।

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पाकिस्तान का आर्मी चीफ ‘मुल्ला जनरल’ कट्टर है
असीम मुनीर को ‘मुल्ला जनरल’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि, वो कुरान को पूरी तरह से याद कर रखे हैं। पाक मीडिया के अनुसार, असीम मुनीर सऊदी अरब में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात रहने के दौरान कुरान को पूरी तरह से याद कर लिया था। यही वजह है कि उन्‍हें हाफिज-ए-कुरान कहा जाता है। मुनीर को धार्मिक रूप से बहुत कट्टर माना जाता है। पाकिस्‍तान के मामलों पर नजर रखने वाले भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व विशेष सचिव रामनाथन कुमार का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब पाकिस्‍तान में कोई ऐसा आर्मी चीफ बना है जो कुरान को पूरी तरह से याद करने वाला है। इसलिए उन्‍हें मुल्‍ला जनरल कहा जा सकता है।

असीम मुनीर के चलते सेना के अंदर इस्‍लामिक कट्टरता को बढ़ावा मिल सकता है
पाकिस्तान में पहले भी ऐसे सैन्य अधिकारी हुए हैं जो हाफिज-ए-कुरान रह चुके हैं लेकिन, आर्मी चीफ पहली बार हुआ है। रॉ अधिकारी रामनाथन कुमार का कहना है कि, पाकिस्‍तान में मुस्लिम कट्टरपंथियों का दबदबा रहा है। इससे पहले पाकिस्‍तानी सेना के जनरल जहीरूल इस्‍लाम ने कई कट्टरपंथी बन चुके सैनिकों की मदद से बेनजीर भुट्टो की सरकार का तख्‍तापलट करने की कोशिश की थी। हिज्‍ब-ए-कुरान जनरल असीम मुनीर भले ही कट्टरपंथियों को बढ़ावा न दें लेकिन वह ऐसा माहौल बना सकते हैं जहां सेना के अंदर इस्‍लामिक कट्टरता को बढ़ावा मिल सकता है। ऐसे में अब भारत को पाकिस्तान से अलर्ट रहने की जरूरत है।

कट्टरता से भरी हुई पाकिस्तानी सेना
इस्लाम के नाम पर बना पाकिस्तान इस्लामिक कट्टरपंथियों का गढ़ रहा है। यहां तक कि पाकिस्तानी फौज में भी बहुत से ऐसे सैनिक हैं जो तबलीगी जमात से ताल्लुक रखते हैं। ये वही पाकिस्तानी सेना है जो कुछ समय पहले एक अन्य कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक को जन्म दिया। पाकिस्तान की सेना खुद को इस्लाम की सेना मानती है। ऐसा कहा जाता है कि, पाकिस्तानी सेना की ऐसी मानसिकता है कि, वो अल्लाह के लिये लड़ती है न कि देश के लिए। ये पाकिस्तानी सेना की वेबसाइट पर भी मिल जाएगा। उसका मोटो ही यही लिखा है। जिसमें अल्लाह के लिए जंग लड़ने की बात कई गई है।

पाकिस्तानी सेना का इस्लामीकरण करने वाला जनरल जिया उल हक
पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान को एक लोकतांत्रित देश बनाना चाहते थे लिकन सेना ने ऐसा होने नहीं दिया। पाकिस्तान कट्टर इस्लामिक देश बनकर रह गया है जो आतंकियों की फैक्ट्री बन गया है। इस वक्त हाल यह है कि, मुल्क इस्लामिक अतिवाह और आतंकवाद में उलझ गया है। अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि, इस्लाम को राजनीति में इस्तेमाल किया जाए। इमरान खान को ही ले लें, जो रियासत-ए-मदीना की बात करते हैं। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि, पाकिस्तान की सेना में कट्टरपंथ को बढ़ावा देने का काम तानाशाह जनरल जिया उल हक ने सबसे पहले किया था। जनरल जिया ने ही इस्लामीकरण की नीति को सेना के अंदर बढ़ावा दिया। इसके जरिए जनरल जिया ने पाकिस्तान के बेहद लोकप्रिया नेता जुल्फिकार अली भुट्टो को मारने की कोशिश की।

तबलीगी जमात में शामिल हो सकती है पाकिस्तानी सेना
जनरल जिया उल हक की ही देन थी जिसने पाकिस्तानी फैज में एक ऐसी नस्ल आई जो सेना के अंदर इस्लामिक एजेंड़े को आगे बढ़ा दिया। पाकिस्तान की सेना के बैरकों में न केवल धर्मांतरण बल्कि देवबंदी और वहाबी मत से जुड़ी गतिविधियों की अनुमति दी गई थी। यहां तक कि, पाकिस्तानी सेना के सैनिकों को भी तबलीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति दे दी गई। इससे पाकिस्‍तानी सेना में ऐसे रणनीतिकारों की एक नई पौध आ गई जो जेहादी विचारधारा और सैन्‍य योजनाओं से लैस थे।

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पाक सैनिकों को दी जाती है कुरान के आधार पर जंग की ट्रेनिंग
पाकिस्‍तानी सैनिकों को कुरान पर आधारित जंग की ट्रेनिंग दी गई। उन्‍हें दार-उल- इस्‍लाम और दार उल हर्ब के बारे में बताया गया। इस तरह जनरल जिया ने पाकिस्‍तानी सेना को पूरी तरह से कट्टरपंथी बना दिया। इसी का खतरा अब जनरल मुनीर के आर्मी चीफ बनने पर जताया जा रहा है। इस्लाम के नाम पर पाकिस्तान दुनिया में गला फाड़ती है। लेकिन, असल में वो इस्लाम के नाम पर लोगों को क्रूरता करती आ रही है। पाकिस्तान का चेहरा आतंक है और आगे भी यही रहेगा। इस्लाम के नाम पर ये शुरुआत से ही बरगलाते आये हैं और अब तो जनरल मुनीर के आते ही और भी हवा मिल जाएगी।