Hindi News

indianarrative

आतंकी Yasin Malik को बचाने के लिए किसी भी हद तक गिरने के लिए तैयार है पाकिस्तान, फिर शुरू कर दिया रोना

आतंकी Yasin Malik को फिर बचाना चाहता है पाकिस्तान

अगर आतंकियों की लिस्ट निकाला जाए और उनके रहने के अड्डों के देखा जाए तो ये सारे पाकिस्तान में ही मिलेंगे। पाकिस्तान की आर्मी से ज्यादा तो वहां आतंकियों की हुकूमत चलती है। पाकिस्तान अपने इन आतंकियों को भारत के खिलाफ आतंकवाद फैलाने के लिए इस्तेमाल करता है। खासकर जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की हमेशा से बुरी नजर रही है। जम्मू कश्मीर में जेहाद फैलान में सबसे बड़ा हाथ पाकिस्तान का रहा और उसका साथ दिया घाटी के ही कुछ लोगों ने। कई कश्मीरी अलगाववादी नेता हैं जिनके तार पाकिस्तान से जुड़े हैं। इन्ही में से एक है यासीन मिलक (Yasin Malik) जिसने पाकिस्तानी आतंकियों का साथ देकर घाटी में जमकर आतंक फैलाया। इस आतंकी को बचाने के लिए पाकिस्तान अपनी पूरी कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, मिनिस्टर्स यहां तक की आर्मी तक यासीन मलिक को बचाने के लिए पूरी कोशिश कर ली है। अब एक बार फिर से पाकिस्तान ने यासीन मलिक का नाम लेकर ये बता दिया है कि, वो कितना बड़ा आतंकी समर्थक है।

दरअसल, पाकिस्तान ने शुक्रवार को भारत के उप राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया और यासीन मलिक की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति पर इस्लामाबाद की चिंता व्यक्त करते हुए एक आपत्तिपत्र सौंपा। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद मलिक ने 22जुलाई को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी। मलिक चाहता है कि सरकार रूबैया सईद अपहरण मामले की सुनवाई कर रही जम्मू की एक अदालत में उसे भौतिक रूप से पेश होने की इजाजत दे लेकिन भारत सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी। मलिक इस मामले में आरोपी है। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक को रक्तचाप में उतार-चढ़ाव के बाद बुधवार को राजधानी दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

विदेश कार्यालय ने एक बयान में भारतीय राजनयिक को कहा कि मलिक को कम से कम तीन दशक पहले हुई घटनाओं के इर्द-गिर्द गढ़े गए दो और फर्जी मामलों में फंसाया गया है। इससे पाकिस्तान में गहरी निराशा है। इसमें कहा गया, यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक की ओर से भारतीय प्रधानमंत्री को संबोधित एक पत्र भी उप राजदूत को सौंपा गया। पत्र में पति की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए जेल से तत्काल रिहाई की मांग की गई है। पत्र में कहा गया कि मलिक की सेहत इस महीने की शुरुआत में भूख-हड़ताल पर जाने के उनके फैसले के बाद से और खराब हो गई है।

यासीन मलिन की गिरफ्तारी से पाकिस्तान इसलिए बैखलाया हुआ है क्योंकि, ये कई सारे दबे राज को खोल सकता है। ऐसे में पाकिस्तान की छटपटाहत लाजमी है। यासिन मलिक जम्मू-कश्मीर के प्रमुख अलगाववादी नेताओं में से एक है और इसे दिल्ली की दिल्ली की एक अदालत ने मई में उम्रकैद की सजा सुनाई। इस दौरान अदालत ने कहा कि, अपराधी का इरादा 'भारत के विचार के दिल' पर हमला करना और जम्मू-कश्मीर को भारत संघ से जबरदस्ती अलग करना था।