पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में एयर स्ट्राक किया था जिसमें, कम से कम 40 लोगों के मारे जाने की खबर थी। इस हमले के बाद से दोनों देशों के बीच दुश्मनी और भी ज्यादा बढ़ गई है। वहीं, तालिबान ने इसपर पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा है कि, अफगानियों के धैर्य की परीक्षा न ले। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के खोस्त और कुनार प्रांतों में हवाई हमला किया था। जिसमें 40 से अधिक नागरिकों की जान चली गई थी।
पाकिस्तान पर भरोसा करना उतना ही मुश्किल है जितना की चीन पर करना। ये दोनों मुल्क ऐसे हैं जो एक ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं तो दूसरे ओर पीठ में खंजर घोंपते हैं। अफगानिस्तान पर कब्जा करने में तालिबान की अगर किसी ने सबसे ज्यादा मदद की तो वो था पाकिस्तान और चीन। दोनों ने ही यहां अपने मतलब के लिए मदद किया। पाकिस्तान की बात करें तो उसका एक ही काम है आतंक फैलाना। अफगानिस्तान की जमीन का वो भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने की फिराक में था। इसके साथ ही डूरंड लाइन पर बाढ़ लगाने की फिराक में था, और विवाद की जड़ यहीं से शुरू हुई। आज आलम यह है कि पाकिस्तान और तालिबान एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं। इमरान खान ने दुनिया के सामने गला फाड़ फाड़ कर तालिबान को समर्थन करने के लिए कहा था। लेकिन, अब यही पाकिस्तान तालिबान के पीठ में खंजर घोंप रहा है।
इंफॉर्मेशन एंड कल्चर डिप्टी मिनिस्टर जबीउल्लाह मुजाहिद ने रविवार को कहा, पाकिस्तान को अफगानिस्तान के लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए अन्यथा परिणाम का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। मुजाहिद जो तालिबान के मुख्य प्रवक्ता भी हैं, ने कहा हम राजनयिक चैनलों और बातचीय के माध्यम से इस मुद्दे को हल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्यों से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव पैदा होगा। जिसके बाद संघर्ष होगा जो किसी के लिए भी ठीक नहीं रहेगा। एएनआई ने खामा प्रेस के हवाले से कहा पाकिस्तान के हालिया हवाई हमलों की निंदा करते हुए, मुजाहिद ने कहा कि इस तरह के कदमों की पुनरावृत्ति के गंभीर परिणाम होंगे।
तालिबान शासन के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को काबुल में पाकिस्तान के अफगान दूत मंसूर अहमद खान को तलब किया और भविष्य में इस तरह के हमलों को रोकने के लिए कहा। खामा प्रेस ने कहा कि पाकिस्तान के विमानों ने दक्षिणपूर्वी खोस्त प्रांत के स्पेरा जिले में आम नागरिकों के घरों पर बमबारी की, जिसमें कम से कम 60 नागरिक मारे गए।