पाकिस्तान में निजाम बदल गया है लेकिन बाकी सब कुछ वैसा ही है जैसा इमरान खान की सरकार में था। हालांकि शहबाज सरकार को अभी से कसूरवार ठहराना ठीक नहीं है क्यों कि पीएम इलेक्ट होने के बाद चले ड्रामे और फिर कैबिनेट गठन में राष्ट्रपति आरिफ अलवी की तरफ से शपथ ग्रहण में की गई हीला-हवाली का प्रशासनिक तंत्र पर विपरीत असर पड़ा। इसके साथ ही बीएलए और टीटीपी को मजबूत होने का मौका मिल गया।
इसी का नतीजा है कि बीएलए और टीटीपी लगातार पाकिस्तान के सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमले कर रहे हैं। पाकिस्तानी फौज इन हमलों के खिलाफ जो कार्रवाई कर रही है उसका शिकार भी निर्दोष लोग ही बन रहे हैं। दरअसल, बलोच तो 1948 से धोखे का शिकार हैं। उनका देश हड़प लिया गया। उनके प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा कर लिया। उनकी जमीन और बंदरगाह को चीन के हाथों गिरवी रख दिया। इसलिए अपने देश को पाकिस्तान के चंगुल से मुक्त कराने के लिए संघर्षरत हैं। इसलिए पकिस्तानी ठिकानों पर बलूच लिब्रेशन आर्मी हमले करती रहती है।
Blast inside #Customs Intelligence office #Quetta one person injured pic.twitter.com/un8j991JXF
— Quetta Voice (@VoiceQuetta) May 1, 2022
ऐसा ही एक हमला क्वेटा स्थित पाकिस्तान के कस्टम इंटेलिजेंस ऑफिस में किया गया है। क्वेटा के इस इंटेलिजेंस ऑफिस में बड़ा बम धमाका किया गया है। पाकिस्तानी अथॉरिटीज ने इस धमाके में केवल एक आदमी के घायल होने और हजारों वाहनों का रिकॉर्ड जल जाने की बात कबूल की है। अधिकांश पाकिस्तानी मीडिया ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित, प्रसारित भी नहीं किया है। लेकिन सोशल मीडिया पर बम धमाके की खबर और विजुवल्स खूब वायरल हो रहे हैं।
चूंकि यह धमाका क्वेटा में किया गया है इसलिए माना जा रहा है कि यह बीएलए की कार्रवाई हो सकती है, लेकिन अभी तक किसी ने घोषित तौर पर जिम्मेदारी नहीं ली है। कुछ लोगों का कहना है कि टीटीपी का हाथ भी इस धमाके में हो सकता है। क्वेटा के प्रशासन का कहना है कि अभी इन्वेस्टीगेशन चल रहा है इसलिए अभी कुछ भी कहना मुश्किल है।