पाकिस्तान में जब इमरान खान ने सत्ता हासिल की थी, तब उन्होंने अपनी सरकार को मुल्क की किस्मत बदल देने वाली 'तब्दीली सरकार' बताया था और आज इसी तब्दीली सरकार ने देश को भारी कर्ज के बोझ तले दबा दिया है। खास बात ये है कि इमरान सरकार ने कर्ज की किस्तें देने के लिए भी कर्ज ही लिया। इमरान ने सिर्फ तीन साल में ही पाकिस्तानी कर्ज दोगुना कर दिया। ऐसे में उनकी सरकार पर सवालिया निशान लग रहे हैं। इमरान सरकार ने 2020-21 में दूसरे देशों से 15.32 अरब डॉलर का रिकॉर्ड कर्ज लिया। इसी के साथ उन्होंने 10.45 अरब डॉलर कर्ज मांगने का पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया।
इमरान खान ने कुछ वक्त पहले दावा किया था कि देश में सब कुछ ठीक है। इसके बाद पाकिस्तान की फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेश एजेंसी फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के पूर्व चेयरमैन सैयद शब्बर जैदी उनके इन दावों को झूठा बताया और कहा- पाकिस्तान दिवालिया हो चुका है। यही नहीं, पिछले महीने खुद इमरान खान ने स्वीकार किया था कि उनके पास देश चलाने के लिए पैसे नहीं हैं। इमरान खान ने सत्ता में आने से पहले कर्ज न लेने के बड़े बड़े दावे किए थे, लेकिन सत्ता में आने के तीन साल में जितना कर्ज लिया है, बाकी सरकारों ने पांच साल में भी उतना नहीं लिया था।
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जहां पीपीपी ने 5 सालों में 16 अरब डॉलर और नवाज लीग ने 5 सालों में 34 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज लिया था, वहीं इमरान खान ने 3 साल में ही 35.1 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज ले लिया है। आपको बता दें कि पाकिस्तान में 3 साल में लिए गए कर्ज से देश पर 85.6 अरब डॉलर का उधार हो गया है। आलम ये है कि पिछले तीन साल से पाकिस्तानी रुपए लगातार गिरावट का शिकार हो रहा है। साल 2018 में डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए की कीमत 123 थी। ये अब 30% से ज्यादा टूटकर 179 तक पहुंच गई। इससे पहले पाकिस्तानी रुपए ने इतनी बड़ी गिरावट 1971 में देखी थी। बांग्लादेश के अलग होने बाद पाकिस्तनी रुपया 58% टूटकर डॉलर के मुकाबले 4.60 से 11.10 पर पहुंच गया था।